एक अक्टूबर से सभी लेन पर इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम होगा लागू
सभी राजमार्गों पर लागू होने वाली टोल कनेक्शन प्रणाली के लिए एनएचएआइ ने दो मोबाइल एप लॉन्च की हैं। जानें इनसे आम आदमी को होंगे क्या फायदे
नई दिल्ली (जेएनएन)। एक अक्टूबर से राष्ट्रीय राजमार्गों की सभी लेनों में इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (ईटीसी) प्रणाली लागू हो जाएगी। यही नहीं, इसके लिए जरूरी फास्टैग अब ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। इसके लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने ‘माई फास्टैग’ और ‘फास्टैग पार्टनर’ नामक दो मोबाइल एप भी लॉन्च की हैं।
एनएचएआइ के अध्यक्ष दीपक कुमार ने एप लॉन्च करते हुए कहा कि माई फास्टैग एप आम जनता के लिए, जबकि फास्टैग पार्टनर बैंकों, वाहन डीलरों आदि के लिए है। माई फास्टैग एप के जरिये कोई भी व्यक्ति अपने वाहन के लिए फास्टैग की सीधे ऑनलाइन खरीदारी कर सकता है तथा उसे रिचार्ज कर सकता है। जबकि फास्टैग पार्टनर का उपयोग करते हुए बैंक, वाहन डीलर तथा कॉमन सर्विस सेंटर ग्राहक को उसके घर पर फास्टैग उपलब्ध करा सकते तथा उसे रिचार्ज कर सकते हैं। यही नहीं, फास्टैग पार्टनर के जरिये वे वाहनों में पहले से लगे हुए (इन-बिल्ट) आरएफआइडी टैग को एक्टिवेट भी कर सकेंगे। इन एप का विकास एनएचएआइ के मुख्य महाप्रबंधक अखिलेश कुमार श्रीवास्तव ने किया है।
सरकार की 2013 की अधिसूचना के बाद निर्मित लगभग 74 लाख वाहनों में इस तरह के इन-बिल्ट आरएफआइडी टैग की व्यवस्था है। अब इन सभी टैग को एक्टिवेट करना आसान हो गया है। उन्होंने कहा कि अभी देश में राष्ट्रीय राजमार्गों पर कुल 371 टोल प्लाजा हैं। इनमें से 365 टोल प्लाजा पर एक लेन में इलेक्ट्रानिक टोल कलेक्शन प्रणाली लागू है। परंतु फास्टैग प्राप्त करने में झंझट के कारण यह प्रणाली लोकप्रिय नहीं हो पाई है। फास्टैग के लिए लोगों को बैंक जाना पड़ता था तथा कई औपचारिकताओं के बावजूद फास्टैग मिलने में समय लगता था। परंतु अब बैंकों की वेबसाइट या मोबाइल एप के जरिये घर बैठे फास्टैग प्राप्त हो सकेगा। मोबाइल एप एंड्रायड और आइओएस एप स्टोर्स से डाउनलोड किए जा सकते हैं। इनमें ग्राहकों की शिकायतों के निवारण का भी इंतजाम है। एनएचएआइ के अध्यक्ष ने कहा कि सरकार एक अक्टूबर से राष्ट्रीय राजमार्गो की सभी लेनों में ईटीसी को लागू करने जा रही है। हर टोल प्लाजा में एक ईटीसी लेन केवल फास्टैग युक्त वाहनों के लिए आरक्षित होगी। जबकि बाकी लेनों में फास्टैग के अलावा नकद टोल भुगतान करने वाले वाहन समेत सभी वर्गो के वाहन प्रवेश कर सकेंगे। हर प्लाजा पर फास्टैग बिक्री के लिए कॉमन सर्विस सेंटर भी खोले जाएंगे।
उन्होंने कहा कि अभी केवल एनएचएआइ द्वारा निर्मित 48 हजार किलोमीटर राजमार्गो पर इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन प्रणाली लागू है। सरकार का इरादा राज्यों के पीडब्ल्यूडी द्वारा निर्मित लगभग 50 हजार किलोमीटर लंबाई के राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी ईटीसी लागू करने का है। इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्गों में परिवर्तित 42 स्टेट हाईवे पर भी ईटीसी लागू की जाएगी।
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