कॉल व टेक्सट की जगह ले रहे एप्स
बड़ी संख्या में मोबाइल फोन यूजर्स पारंपरिक कॉल्स और टेक्सट को छोड़ 'मैसेजिंग एप्स' की तरफ मुड़ गए हैं। वर्ष 2010 से अगर देखें तो कम्युनिकेशन के लिए मोबाइल डाटा का उपयोग ज्यादा किया जा रहा है।
नई दिल्ली। बड़ी संख्या में मोबाइल फोन यूजर्स पारंपरिक कॉल्स और टेक्सट को छोड़ 'मैसेजिंग एप्स' की तरफ मुड़ गए हैं। वर्ष 2010 से अगर देखें तो कम्युनिकेशन के लिए मोबाइल डाटा का उपयोग ज्यादा किया जा रहा है।
और अब इसे देखते हुए मैसेज व कॉलिंग एप्स का प्रयोग करने के लिए टेलिकॉम कंपनियां बेहतर डाटा प्लान ऑफर कर रहीं हैं।
हाल ही में 11,000 लोगों पर किए गए रॉय मार्गन सर्वे के अनुसार, 32.5 प्रतिशत यूजर्स का कहना है कि मोबाइल डाटा का प्रयोग करते समय सबसे ज्यादा ऑनलाइन कम्युनिकेशन की एक्टिविटी देखी गयी है।
30.2 प्रतिशत यूजर्स की मानें तो इस डाटा का दूसरा सबसे बड़ा उपयोग ऑनलाइन रिसर्च के लिए किया जाता है।
इस तरह की एक्टिविटी 14 से 34 वर्ष के यूजर्स के बीच देखा गया है।
व्हाट्सएप, स्काइप, वाइबर, फेसटाइम और आइमैसेज जैसे एप्स यूजर्स को मुफ्त में कालिंग व टेक्सटिंग की सुविधा देता है जिससे ये लंबे समय तक इंटरनेट से जुड़े रहते हैं।
रॉय मार्गन सर्वे के अनुसार 14 वर्ष से अधिक उम्र वाले यूजर्स में 47.4 प्रतिशत का कहना था कि वे स्मार्टफोन पर इंटरनेट का प्रयोग करते हैं।
कंज्यूमर्स की जरूरत देखते हुए हाल ही में स्लिंगशॉट के जनरल मैनेजर टैरिन हैमिल्टन ने कहा कि मोबाइल डाटा की ट्रैफिक तो बढ़ ही रही लेकिन एप की क्वालिटी भी अच्छी होने से लोगों का इस प्लेटफार्म पर आकर्षण बढ़ा है।
उन्होंने आगे कहा, ' हमलोग अपने कस्टमर्स के उपयोग करने के आधार पर यह देख सकते हैं कि प्रत्येक 18 महीने पर डाटा का उपयोग दोगुना बढ़ रहा है।'
ज्यादातर लोग ऑनलाइन वीडियो देख रहे हैं, और काफी सारे बेहतर एप्स यहां उपलब्ध हैं जो कॉलिंग व टेक्सटिंग के लिए उपयोग किए जा रहे हैं।
उनके अनुसार, दिन ब दिन लोगों द्वारा कॉल करने की दर घटती जा रही है।
वोडाफोन कंज्यूमर के डायरेक्टर मैट विलियम्स ने कहा कि कंपनी को उम्मीद है कि वर्ष 2015 के अंत तक स्मार्टफोन का उपयोग 90 प्रतिशत तक हो जाएगा।
उन्होंने कहा, 'हमारे कस्टमर्स अब भी बात करना व टेक्स्ट करना पसंद करते हैं... पर डाटा ही भविष्य है। इसलिए ही 4जी पर हमारा फोकस है, ताकि कस्टमर्स बेहतर नेटवर्क का उपभोग कर सकें।'