Move to Jagran APP

हमें मनुष्य जीवन बड़े सौभाग्य से मिला है

कर्म पर विश्वास करने वालों के कामों के परिणाम का अनुमान लगाया सकता है, लेकिन भाग्यवादियों के मामले में ऐसा नहीं होता।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 16 Jan 2017 11:54 AM (IST)Updated: Mon, 16 Jan 2017 11:57 AM (IST)
हमें मनुष्य जीवन बड़े सौभाग्य से मिला है
हमें मनुष्य जीवन बड़े सौभाग्य से मिला है

इस संसार में ज्यादातर लोग भौतिक सुखों को ही सब कुछ मान बैठते हैं और इन्हें प्राप्त करने में अपना पूरा जीवन व्यतीत कर देते हैं। आश्चर्यजनक बात यह कि इसके बावजूद वे यह दावा नहीं कर पाते हैं कि उनका जीवन पूर्णत: सुखमय बीता। वे यह शिकायत करते मिल जाएंगे कि अपने जीवन में वे इस या उस वस्तु का सुख नहीं ले पाए, जिसका उन्हें बहुत मलाल है। वस्तुत: ऐसे लोग यह सोचते हैं कि उन्हें अमुक चीज मिल जाए, तो उनका जीवन धन्य हो जाए।
कुछ प्रयासों के बाद अगर उन्हें वह वस्तु मिल भी जाए, तो वे किसी और चीज को पाने की कामना करने लगते हैं। इस तरह वे हर समय किसी न किसी चीज की कामना करते रहते हैं और उसे पाने के लिए जीवन-पर्यंत प्रयास करते रहते हैं। बहुत देर हो जाने के बाद उन्हें यह अहसास जरूर होता कि उन्होंने अपना पूरा जीवन व्यर्थ में ही गवां दिया। हमें मनुष्य जीवन बड़े सौभाग्य से मिला है, इसलिए नित्य कर्म करने के अलावा हमारे जीवन का एक विशेष उद्देश्य भी होना चाहिए। इस धरती पर हर चीज का कोई न कोई विशेष उद्देश्य जरूर है। जिस तरह सुई का काम सिलाई करने का है, तो तलवार का काम काटने का। न सुई का काम तलवार कर सकती है और न तलवार का काम सुई। दोनों का अपना-अपना उद्देश्य है। इसी तरह हम सबके जीवन का भी कोई न कोई उद्देश्य जरूर होना चाहिए और हमें हर हाल में इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए प्रयास करना चाहिए।

loksabha election banner

मनुष्य को सांसारिक मोहमाया में फंस कर नहीं रह जाना चाहिए, बल्कि उसे इससे बाहर निकलकर अपने जीवन

के उद्देश्य के प्रति समर्पित भाव से साधनारत रहना चाहिए। जब तक हमें अपनी मंजिल मालूम नहीं होगी, तब तक हम भटकते रहेंगे और हमारी यात्रा कभी पूरी नहीं हो पाएगी। कुछ लोग अपने जीवन का उद्देश्य खोजने और उसे प्राप्त करने के बदले भाग्य के भरोसे बैठ जाते हैं। वे यही कल्पना करते रहते हैं कि उनके भाग्य में जो होगा, वह उन्हें मिलकर ही रहेगा। ऐसे लोग यह बात भूल जाते हैं कि मनुष्य कर्मयोगी है और कर्म किए बिना उसका भाग्य अधूरा है। हमारे कर्म से ही हमारा भाग्य बनता है। कर्म पर विश्वास करने वालों के कामों के परिणाम का अनुमान लगाया सकता है, लेकिन भाग्यवादियों के मामले में ऐसा नहीं होता। महाभारत में श्रीकृष्ण, अर्जुन से कहते भी हैं कि कर्म करते हुए और उन कर्मों को मन से परमसत्ता को अर्पण करते हुए यदि कोई पुरुषार्थ करता है, तो वह इसी जीवन में मोक्ष प्राप्त कर लेता है।’


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.