सही बदलाव कैसे हो
समस्या को समझ कर ही हम बदलाव ला सकते हैं। जबर्दस्ती करने से कभी बदलाव नहीं आता...
समस्या को समझ कर ही हम बदलाव ला सकते हैं। जबर्दस्ती करने से कभी बदलाव नहीं आता...
प्रश्न है कि एक शरारती बच्चा कैसे सुधरेगा? माना कि सजा देकर वह बदल जाता है, लेकिन यह सही बदलाव नहीं। माता-पिता, शिक्षक या बड़े होने के नाते आपके पास अधिकार है कि आप बच्चे को सुधारने के लिए
क्या कदम अपनाएं। लेकिन यदि आप उसे धमकी देते हैं, डराते हैं, पीटते हैं, तो वह आपके अनुसार काम तो
कर देगा, लेकिन उसमें परिवर्तन नहीं आएगा। तो क्या प्रेम से शरारती बच्चे में परिवर्तन हो सकता है? यह निर्भर
करता है कि प्रेम का अर्थ आप क्या समझते हैं।
यदि प्रेम का अर्थ बच्चे में शरारत पैदा करने वाले कारणों को समझना है, तभी आप सही हैं। तब आप प्रेम से उसमें बदलाव ला सकेंगे। इसी तरह यदि आपके प्रेम के कारण बच्चे ने शरारत बंद कर दी, तब भी वह बदलाव नहीं। यह प्रेम उसके लिए कुछ बनने के लिए दबाव ही है। यदि वह बदल भी गया, तब भी यह उसके वास्तविक रूप का ही सुधरा हुआ रूप होगा। मान लीजिए, यदि मैं लोभी हूं, किंतु उदार बनने का प्रयत्न करूं, तो इससे क्या मैं बदल जाऊंगा? यदि मैं अपने लोभ की संपूर्ण समस्या की खोज करने में, उसे समझने में समर्थ बनूं, तभी मैं उससे मुक्त हो पाऊंगा।