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वे अज्ञानी और मूर्ख हैं, जो हमेशा दूसरों की आलोचना करते हैं

अपनी आलोचना किसी को भी अच्छी नहीं लग सकती है, लेकिन समझदार व्यक्ति अपने कौशल से अपनी आलोचना को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर लेते हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 01 Feb 2017 11:15 AM (IST)Updated: Wed, 01 Feb 2017 11:21 AM (IST)
वे अज्ञानी और मूर्ख हैं, जो हमेशा दूसरों की आलोचना करते हैं
वे अज्ञानी और मूर्ख हैं, जो हमेशा दूसरों की आलोचना करते हैं

कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं है जो कभी गलतियां न करता हो, लेकिन अपनी गलतियों को हम स्वयं नहीं समझ पाते। जब कोई दूसरा हमारी गलतियों की तरफ ध्यान दिलाता है, तब हमें उन्हें देखने का मौका मिलता है और हम उनमें सुधार करने की कोशिश करते हैं। समालोचना हमारे दोष और खामियों को पहचानने और उन्हें सुधारने में हमारी मदद करती है। समालोचना नई संभावनाओं और नए विचारों को जन्म देती है। यह समस्या को सुलझाने के हमारे कौशल को भी बढ़ा सकती है। इसी तरह समालोचना हमें उन छोटेछोटे मुद्दों की चिंता न करना भी सिखाती है, जो वास्तव में हमारे लिए महत्वपूर्ण नहीं हैं।
कुल मिलाकर समालोचना हमारी खुशी, शांति, आनंद और सफलता के क्षणों को जीने के अवसरों में बढ़ोतरी करती है। कहावत है कि जो लोग आपकी निंदा करते हैं, उन्हें अपने आंगन में कुटी बनवा कर रखना चाहिए। ये निंदा करने वाले ही एक प्रकार के समालोचक हैं। ये हमारी कमियां बताकर साबुन और पानी के बगैर हमारे स्वभाव को साफ करते हैं। ऐसे में हमारे अंदर यह भावना कभी नहीं आनी चाहिए कि कोई दूसरा व्यक्ति हमें सीख वैसे दे सकता है या फिर मैं अपना भला-बुरा खुद समझ सकता हूं। ऐसा सोचने वाले व्यक्ति स्वयं अपना ही नुकसान कर लेते हैं। अपनी आलोचना किसी को भी अच्छी नहीं लग सकती है, लेकिन समझदार व्यक्ति अपने कौशल से अपनी आलोचना को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर लेते हैं।

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ऐसे व्यक्ति आलोचना को व्यक्तिगत रूप से नहीं लेते हैं, बल्कि इसे एक अवसर में बदल देते हैं। वैसे कुछ लोग आदतन आलोचक होते हैं और वे हमेशा दूसरे के क्रियाकलापों पर अनावश्यक या नकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं। ऐसे लोग खुद से ही असंतुष्ट होते हैं, इसलिए उन्हें दूसरों में भी दोष ही दिखाई देते हैं। हमें कभी भी बेवजह दूसरों की आलोचना नहीं करनी चाहिए, क्योंकि आपकी आलोचना व्यक्ति को जीवन के प्रति हतोत्साहित भी कर सकती है, जबकि समालोचना से व्यक्ति उत्साहित होकर एक नया जीवन प्राप्त कर सकता है। जब हम किसी की आलोचना करें, तो हमें एक बार खुद को उसकी अवस्था में रखना चाहिए। वे अज्ञानी और मूर्ख हैं,

जो हमेशा दूसरों की आलोचना करते हैं। समझदार व्यक्ति वही है जो प्रत्येक व्यक्ति को सम्मान दे। जो व्यक्ति इस संकल्प के साथ जीते हैं, वे सदा सुखी रहते हैं।


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