महाशिवरात्रि साधना अपने ह्रदय को भर लें कृपा से
महाशिवरात्रि साधना से करें खुद को तैयार। यह शक्तिशाली प्रक्रिया है जो स्वास्थ्य, संतुलन और ताजगी देती है ।
सदगुरु इन शब्दों में महाशिवरात्रि की महिमा को बताते है , ”एक साल में बारह व तेरह शिवरात्रियां होती हैं। चंद्र चक्र में आने वाली सबसे अँधेरी रात को शिवरात्रि कहते हैं। माघ महीने में आने वाली इस शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहते हैं, क्योंकि इस रात मानव शरीर में ऊर्जा सहज ही ऊपर की ओर चढ़ती है। कोई भी इंसान – चाहे वो ज्ञानी हो या अज्ञानी, संत हो या पापी, कोई ऋषि हो या फिर ठग – अगर वो अपनी रीढ़ सीधी रखकर, इस दिन सचेत और जागरूक रहे तो वह अपनी पूर्णता की ओर कदम बढ़ा सकता है, क्योंकि इस दिन ग्रह एक खास तरह के सीध में होता है। मैं चाहता हूँ, कि यह रात आप सभी के लिए सिर्फ जगे रहने वाली ही नहीं, बल्कि आपके भीतर एक जबर्दस्त जागृति की रात बन जाए। यही मेरी कामना और आशीर्वाद है।”
महाशिवरात्रि की रात की संभावनाओं को मत गंवाएं। महाशिवरात्रि साधना से करें खुद को तैयार। यह शक्तिशाली प्रक्रिया है जो स्वास्थ्य, संतुलन और ताजगी देती है – और सबसे बढ़कर यह आपको महाशिवरात्रि की ऊर्जा ग्रहण करने में सक्षम बनाती है। इस साल साधना करके नई ऊर्जा जगाएं। इस साल नई संभावनाओं के द्वार खोलें। करें महाशिवरात्रि साधना।
महाशिवरात्रि साधना महाशिवरात्रि की रात के लिए खुद को तैयार करने के लिए है। ये रात जबरदस्त संभावनाओं से भरी रात है। कोई भी व्यक्ति जिसकी उम्र आठ साल से ज्यादा है, ये साधना कर सकता है। ये साधना महाशिवरात्रि से पहले लगातार 40, 21, 14, 7, या 3 दिनों तक कर सकते हैं।
इस साधना में दीक्षा की तारीखें इस प्रकार हैं:
40 दिन – 16 जनवरी, 2017
21 दिन – 04 फरवरी, 2017
14 दिन – 11 फरवरी, 2017
7 दिन – 18 फरवरी, 2017
3 दिन – 22 फरवरी, 2017
साधना की पूरी विधि, अभ्यास और निर्देशों के लिए विडियो:
साधना की अवधि के दौरान आपको कुछ निर्देशों का पालन करना है:
रात में 8-10 काली मिर्च के दाने, 2-3 बेल पत्र या नीम के पत्तों के साथ शहद में भिगोएं और मुट्ठी भर मूंगफलियों को पानी में भिगो दें। ये सुबह साधना के बाद खाएं। अगर नीम या बेल पत्र उपलब्ध नहीं हैं, तो नीम पाउडर की गोलियों का इस्तेमाल करें। नीम पाउडर ishashoppe.com पर उपलब्ध है।
दिन में दो ही बार भोजन करें। पहला भोजन दोपहर 12 बजे के बाद करें।
अगर आपको भूख लगे, तो आप कालीमिर्च-शहद-नींबू के रस को पानी में मिला कर दोबारा पी सकते हैं।
सिगरेट, शराब और मांसाहारी भोजन से परहेज करें।
एक काला कपड़ा, पुरुष ऊपरी दायीं बांह पर और स्त्रियाँ ऊपरी बायीं बांह पर पहने। आप किसी भी काले कपड़े का इस्तेमाल कर सकते हैं, पर इस कपड़े की लम्बाई 12 इंच और चौड़ाई 1 इंच होनी चाहिए। साधना करने वाले लोग काला कपड़ा का खुद प्रबंध कर सकते हैं।
सिर्फ सफ़ेद या हल्के रंग के कपड़े पहने।
कृपया दिन में दो बार हर्बल स्नान पाउडर से स्नान करें।
इन बिन्दुओं पर विभूति लगाएं – आज्ञा – भौंहों के बीच में, विशुद्धि – गले के गड्ढे में, अनाहत – पसलियों के जुड़ने की जगह के ठीक नीचे। और मणिपूरक – नाभि के ठीक नीचे।
साधना की दैनिक विधि इस प्रकार है:
खाली पेट शिव नमस्कार के 12 चक्र करें। सर्वेभ्यो मंत्र का तीन बार उच्चारण करें। इसे दिन में एक बार, सूर्यास्त के बाद या सूर्योदय से पहले, करना है। शिव नमस्कार को आप इन्टरनेट से सीख सकते हैं।
सर्वेभ्यो मंत्र
ॐ सर्वेभ्यो देवेभ्यो नमः
ॐ पंच भुताय नमः
ॐ श्री सद्गुरुवे नमः
ॐ श्री पृथ्वीयै नमः
ॐ आदि योगिश्वराय नमः
ॐ, ॐ, ॐ
(हम सभी आकाशीय और दिव्य प्राणियों को नमन करते हैं
हम सभी पांच तत्वों को नमन करते हैं
हम शाश्वत गुरु को नमन करते हैं
हम धरती मां को नमन करते हैं
हम उन्हें नमन करते हैं जो योग के जनक हैं)
शिव नमस्कार और मंत्रोच्चारण के बाद, पत्तों को चबायें, काली मिर्च को नींबू के रस में मिला कर खा लें, और मूंगफली भी खा लें। ये सुनिश्चत करें कि आप अपनी नियमित साधना, जैसे शाम्भवी महामुद्रा, ये सब खाने से पहले कर लेते हैं।