इस बार राखी बांधने का श्रेष्ठ समय क्या है
रक्षा बंधन पर इस वर्ष बहन को भाई की कलाई पर स्नेह की डोर बांधने के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा। एक बार फिर भद्रा का साया रक्षा बंधन के पर्व पर पड़ा है। इसके चलते राखी बांधने के लिए शुभ समय दोपहर 1.50 बजे बाद होगा। श्रावणी पूर्णिमा पर
रक्षा बंधन पर इस वर्ष बहन को भाई की कलाई पर स्नेह की डोर बांधने के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा। एक बार फिर भद्रा का साया रक्षा बंधन के पर्व पर पड़ा है। इसके चलते राखी बांधने के लिए शुभ समय दोपहर 1.50 बजे बाद होगा। श्रावणी पूर्णिमा पर इस बार श्रावण नक्षत्र भी नहीं रहेगा।
रक्षा बंधन का पर्व इस वर्ष 29 अगस्त शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन श्रावणी पूर्णिमा सुबह 3.25 बजे से रात 12.04 बजे तक रहेगी। भद्रा सुबह 3.25 से दोपहर 1.50 तक होगी। इस दिन घनिष्ठा नक्षत्र है, जो 28 अगस्त को शाम 6.07 बजे से 29 को दोपहर 3.31 बजे तक रहेगा।
इस बार पर्व के लिए खास माने जाने वाला श्रावणी नक्षत्र एक दिन पहले 28 अगस्त को ही शाम 6.06 बजे समाप्त हो जाएगा। भद्राकाल में राखी बांधना शास्त्रों में निषेध बताया गया है। आवश्यक हो तो भद्रा के मुख की बजाए पुच्छ के समय राखी बांधना बेहतर माना गया है। इस बार भद्रा के पुच्छ का समय सुबह 10.15 से 11.16 बजे तक होगा।
राखी बांधने का शुभ समय : राखी बांधने के लिए मंगलकारी समय दोपहर 1.50 के बाद है। दोपहर 1.51 से 2.14 बजे तक चर, 2.15 से 3.50 तक लाभ, 3.51 से 5.27 बजे तक अमृत की चौघड़िया में राखी बांधी जाएगी। शाम 6.41 से रात 8.17 बजे तक राखी बांधने का श्रेष्ठ समय है।
इसलिए खास श्रावणी पूर्णिमा : श्रावणी पूर्णिमा के दिन कोकिला व्रत और अमरनाथ यात्रा का समापन होगा। इस दिन नासिक कुंभ का दूसरा शाही स्नान भी रहेगा। इसके अतिरिक्त उड़ीसा में बलभद्र पूजा और श्रावणी उपाकर्म भी किए जाते हैं।
भद्रा की अवधि 7 से लेकर 13.20 घंटे तक
भद्रा सूर्यदेव की पुत्री और शनि की बहन हैं। इन्हें क्रोधी और कड़क स्वभाव का माना जाता है। माना जाता है कि भद्रा को नियंत्रित करने के लिए ब्रह्मदेव ने काल गणना में विशिष्ठ स्थान दिया है। भद्रा के दौरान रक्षा बंधन, होलिका दहन, मुंडन और गृह प्रवेश निषेध माना गया है। इसकी अवधि 7 से लेकर 13 घंटे 20 मिनट तक होती है।