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यह सच है कि हमारी इच्छाएं भी हमारे विचारों का परिणाम होती हैं

हर एक व्यक्ति के पास दिन में मात्र चौबीस घंटे का समय होता है जिसमें उसे अपने सारे कार्य संपन्न करने होते हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 04 Mar 2017 10:18 AM (IST)Updated: Sat, 04 Mar 2017 10:21 AM (IST)
यह सच है कि हमारी इच्छाएं भी हमारे विचारों का परिणाम होती हैं
यह सच है कि हमारी इच्छाएं भी हमारे विचारों का परिणाम होती हैं

 हर एक व्यक्ति के पास दिन में मात्र चौबीस घंटे का समय होता है जिसमें उसे अपने सारे कार्य संपन्न करने

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होते हैं। हम अपने समय का अधिकाधिक उपयोग कर सकें इसके लिए समय प्रबंधन आवश्यक है।

हालांकि कुछ लोग समय के वर्गीकरण को ही समय प्रबंधन मानने की भूल करते हैं, लेकिन समय के वर्गीकरण की अपेक्षा समय का सदुपयोग अधिक जरूरी है। यदि हम समय का सदुपयोग करना सीख जाएं तो जीवन में बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं। बहुत सारे ऐसे लोग भी रहे हैं जिन्हें समय प्रबंधन की जानकारी नहीं थी, लेकिन वे जीवन भर केवल उपयोगी कार्यों को करने में ही लगे रहे और उन्होंने अपने जीवन में आशातीत सफलता भी प्राप्त की। वास्तव में हम जो कार्य करते हैं उसके मूल में हमारी इच्छाएं ही होती हैं। यदि हमारी इच्छाएं महान हैं, सात्विक हैं तो कार्य भी महान और सात्विक ही होंगे।

यह सच है कि हमारी इच्छाएं भी हमारे विचारों का परिणाम होती हैं। इस प्रकार से हमारे विचार ही हमारे कार्य

के स्वरूप को निश्चित और निर्धारित करते हैं, उसे आकार प्रदान करते हैं। हमारे सपनों के अनुरूप ही सफलता हमें मिल पाती हैं। कई बार हमारी अपेक्षाएं अथवा हमारे सपने बहुत बड़े होते हैं और हम उन्हें पूर्ण भी कर लेते हैं, लेकिन फिर भी जीवन में संतुष्टि नहीं मिल पाती है अथवा हम उस सफलता से लाभांवित नहीं हो पाते हैं। इसका अर्थ यही है कि हमने समय का भरपूर इस्तेमाल तो किया, लेकिन प्राप्त उपलब्धियों में संतुलन का अभाव रहा। इस असंतुलन के मूल में है इच्छाओं, अपेक्षाओं अथवा विचारों के सही प्रबंधन का अभाव। जब तक विचारों का सही प्रबंधन नहीं होता तब तक प्राप्त उपलब्धियों में संतुलन हो ही नहीं सकता। यदि हमारी इच्छा ख़ूब धन पाने की है तो जब तक धन को सही तरीके से कमाने और प्राप्त धन के सही तरीके से उपयोग की इच्छा अथवा अपेक्षा नहीं करेंगे वह धन हमारे लिए समस्या बनकर रह जाता है। उसके दुरुपयोग की संभावना बढ़ जाती है। इस स्थिति से बचने के लिए ही विचारों का उत्तम प्रबंधन अनिवार्य है। विचारों के सही प्रबंधन द्वारा ही हम सफल, समृद्ध और ऐश्वर्यशाली बन सकते हैं, इन्हें ईमानदारी से हासिल कर सकते हैं और प्राप्त सफलता, समृद्धि और ऐश्वर्य का सार्थक सदुपयोग भी कर सकते हैं।


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