स्वर्ग नर्क
एक व्यक्ति सड़क पर अपने घोड़े और कुत्ते के साथ घूम रहा था। ये दोनों उसके पालतू पशु ही नही, बल्कि मित्र थे। अचानक बिजली गिरी और वे दुनिया को अलविदा कह गए। वे तीनों खुद को हल्का महसूस कर रहे थे, लेकिन गर्मी के कारण उन्हें जोरों की प्यास
एक व्यक्ति सड़क पर अपने घोड़े और कुत्ते के साथ घूम रहा था।
ये दोनों उसके पालतू पशु ही नही, बल्कि मित्र थे। अचानक बिजली गिरी और वे दुनिया को
अलविदा कह गए। वे तीनों खुद को हल्का महसूस
कर रहे थे, लेकिन गर्मी के कारण उन्हें जोरों की प्यास
लग रही थी। तभी उन्हें एक संगमरमर का बना रास्ता
दिखाई दिया, जिस पर थोड़ी-थोड़ी दूर पर सोने से मढ़ी
हुई वर्गाकार आकृतियां बनी हुई थीं। उनके अंदर पानी
के झरने लगे हुए हुए थे, जिनमें स्वच्छ पानी आ रहा था। दरवाजे पर तैनात द्वारपाल
से उस व्यक्ति ने दुआ-सलाम की। यात्री ने कहा- यह कितना मनोहारी दृश्यों वाला
स्थान है? द्वारपाल ने जवाब दिया- हां, यह स्वर्ग है।
व्यक्ति खुश हो गया कि मरने के बाद मैं स्वर्ग में आ गया और यहां पानी भी है।
यात्री ने द्वारपाल से कहा कि वह और उसका घोड़ा व कुत्ता प्यासे हैं। पानी पीने की
अनुमति दीजिए। द्वारपाल बोला- माफ कीजिए, स्वर्ग में जानवरों का प्रवेश निषिद्ध हैं।
वह हताशा से भर गया। हालांकि उसे बहुत जोरों की प्यास लगी हुई थी, लेकिन उसने
अकेले पानी पीना उचित नहीं समझा। वह स्वर्ग को छोड़ घोड़े व कुत्ते के साथ आगे
चल पड़ा। बहुत दूर चलने के बाद वह एक छोटे से घर के सामने निढाल होकर गिर
पड़ा। थोड़ी देर में आंखें खुलीं तो देखा कि एक व्यक्ति पेड़ के नीचे सोया है। उससे
दुआ-सलाम करके पानी पीने की इच्छा जताई। उस व्यक्ति ने पहाड़ में स्थित झरने की
ओर इशारा किया। वे तीनों वहां गए और अपनी प्यास बुझाई। लौटकर उस व्यक्ति ने
पूछा कि यह कौन-सी जगह है? उसने कहा, स्वर्ग। परंतु द्वारपाल ने तो पहले वाली
जगह को स्वर्ग बताया था। यात्री ने कहा, 'नहीं, उसे स्वर्ग कहते हैं, पर वह तो नर्क
है। उस नर्क में तो हमारे मित्र भी लालच में आकर हमें दुख में छोड़कर चले जाते हैं।Ó
कथा-मर्म : चमक-दमक हमें आकर्षित जरूर करती है, लेकिन यदि उसके लालच
में हमारी मानवता खो जाए, तो वह स्थान स्वर्ग होते हुए भी नर्क के समान है।
पाओलो कोएलो