ढूंढ़ें अवसरों का गैप
जिस तरह एक कुशल क्रिकेटर विरोधी टीम की फील्ड सेटिंग की परवाह किए बिना अपने शॉट के लिए गैप ढूंढ़ लेता है और रनों का रिकॉर्ड बना लेता है, ठीक उसी तरह हम सभी को बाधाओं के बीच जीवन को आगे बढ़ाने के अवसर ढूंढ़ने का प्रयास करना चाहिए...
जिस तरह एक कुशल क्रिकेटर विरोधी टीम की फील्ड सेटिंग की परवाह किए बिना अपने शॉट के लिए गैप ढूंढ़ लेता है और रनों का रिकॉर्ड बना लेता है, ठीक उसी तरह हम सभी को बाधाओं के बीच जीवन को आगे बढ़ाने के अवसर ढूंढ़ने का प्रयास करना चाहिए...
अस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग जब क्रीज पर आते थे, तो हर कोई उनके बेहतरीन शॉट्स देखने के लिए बेताब हो जाता था। एक बार उनके किसी प्रशंसक ने उनकी कामयाबी का राज पूछ ही लिया। पोंटिंग बोले कि जब भी कोई बैट्समैन स्ट्राइक लेने क्रीज पर जाता है, तो वह चारों तरफ की फील्ड का मुआयना करता है। फील्डर्स की स्थिति के अनुसार स्ट्रोक की रणनीति बनाता है, लेकिन मैं फील्डर्स को नहीं, सिर्फ गैप्स को देखता हूं। इन्हीं खाली जगहों के बीच से अपने शॉट निकालने की कोशिश करता हूं। पोंटिंग की इस बात में बाधाओं के बीच अवसर ढूंढ़ लेने का एक बहुत बड़ा संदेश छिपा है।
क्रिकेट का खेल है जिंदगी-
अगर हम जिंदगी को क्रिकेट का खेल मान लें, तो बाधाओं के रूप में हमें अपने आसपास तमाम फील्डर्स मिलेंगे। कोई विरोधी टीम का कप्तान भी होगा, जो ऐसी फील्ड सेटिंग कर रहा होगा कि हम रन नहीं बना सकें। हमें इन फील्डर्स के बीच के गैप्स को पहचानना है और बड़ा स्कोर खड़ा करना है। ऐसे में हमारे पास दो विकल्प होते हैं। एक तो यह कि हम बाधाओं पर ध्यान लगा लें और दबाव में आ जाएं। दूसरे, इनके बीच छिपे गैप्स यानी अवसरों को पहचान कर आगे बढ़ने का रास्ता खोजें।
सतर्कता से मिलती है सफलता-
ब्रिटिश राजनेता और नॉवेलिस्ट बेंजामिन डिजरेली कहते हैं, 'सफलता का रहस्य यह है कि अवसर के लिए हमेशा तैयार रहें। जब अवसर आए, उसे पकड़ लें। अनुकूल अवसर कुछ क्षणों के लिए ही आता है। यदि उस क्षण हम चूक जाते हैं, तो हमारे कई साल या महीने बेकार हो जाते हैं।Ó वहीं स्वेट मार्टेन कहते हैं, 'अवसर छोटे-बड़े नही होते, छोटे से छोटे अवसर का उपयोग करना चाहिए।Ó ई.एच. चैपिन तो यहां तक कहते हैं कि जो लोग अवसरों की राह देखते हैं, वे साधारण मनुष्य होते हैं, असाधारण मनुष्य अवसर पैदा कर लेते हैं।
दृष्टिकोण सुझाता है राह...
कामयाबी का रास्ता मुश्किलों के बीच से होकर ही गुजरता है। अगर हम मुश्किलों पर फोकस करते हैं, तो वे ज्यादा बड़ी नजर आती हैं। जिंदगी को सही तरीके से देखने का मर्म बताते हुए स्वामी विवेकानंद ने भी कहा है, 'हमारे विचार ही चीजों को सुंदर बनाते हैं और विचार ही उन्हें बदसूरत बनाते हैं। हमें चीजों को सही रोशनी में देखना सीखना चाहिए।Ó वास्तव में मुश्किलों का सामना करने का अहम हथियार सकारात्मक नजरिया है, जो आत्मविश्वास की आंच को मंद नहीं पड़ने देता।
इनाम छिपा है कहीं-
एक राजा ने रास्ते के बीचोबीच एक बड़ा-सा पत्थर रखवा दिया और पेड़ की आड़ में छुपकर लोगों की प्रतिक्रिया देखने बैठ गए। सबसे पहले अमीर व्यापारी गुजरे। राजा को बुरा-भला कहा और अपनी गाडि़यां किनारे से निकालकर ले गए। दिन भर में कई लोग गुजरे, पर किसी ने भी पत्थर नहीं हटाया। शाम को एक किसान गुजरा। वह पत्थर हटाने लगा। आखिर उसने भारी पत्थर को एक तरफ कर ही दिया। पत्थर के नीचे एक पोटली दबी हुई थी। उसमें स्वर्णमुद्राओं के अलावा एक पर्ची भी थी, जिसमें राजा की ओर से संदेश लिखा था कि रास्ते से पत्थर हटाने वाले के लिए यह इनाम है। इस कहानी में यह संदेश भी है कि बाधाओं को दूर करने की कोशिश इनाम जरूर देती है। लेकिन हम इस बात को समझ नहीं पाते हैं और काबिलियत, साधनों या अवसरों के अभाव का रोना रोते हैं। अगर जीवन में बाधाओं को न देखकर उनके पीछे के अवसरों को देखा जाए, तो मंजिल पाने का रास्ता साफ हो सकता है।