अनुशासन और कड़ी मेहनत ही सफलता का असली मार्ग है
इससे हमें मालूम पड़ेगा कि ऐसे लोगों ने रुकना तो कभी सीखा ही नहीं। इसलिए ऐसे लोगों के लिए सफलता के दरवाजे खुले रहे।
संस्कृत के एक श्लोक का आशय है कि चलते रहो, चलते रहो। गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने एक बंगाली देशभक्ति गीत में कहा था, ‘एकला चलो रे’ जिसका मतलब है आप अपनी मंजिल की तरफ अपने ढंग से आगे अकेले बढ़ते रहें। कहा जा सकता है कि जो बैठ जाता है उसकी तकदीर भी बैठ जाती है और जो उठकर चलने लगता है उसकी तकदीर भी उठकर खड़ी हो जाती है। जीवन के किसी भी मोड़ पर रुक जाना यानी मंजिल तक पहुंचने से पहले ही सफलता की उम्मीद छोड़ देना है। ऐसा सिर्फ निराशावादी लोग ही करते हैं। जीवन में आगे बढ़ते रहना ही किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने का मूलमंत्र है। इसलिए हमें हर स्थिति में अपना काम करते हुए आगे बढ़ते जाना
चाहिए। सफलता कोई पेड़ पर लगा फल नहीं है कि पेड़ पर चढ़े और तोड़ लिया। अपनी मेहनत के बलबूते पर ही
सफलता हासिल की जा सकती है। इसके लिए हमें अपनी मेहनत पर भरोसा करना चाहिए।
अनुशासन और कड़ी मेहनत ही सफलता का असली मार्ग है। यदि आप में यह हुनर है तो आपसे कोई चूक नहीं
होगी। प्रकृति बहुत बड़ी शिक्षक है। हमें जीवन में निरंतर आगे बढ़ते रहने के लिए प्राकृतिक चीजों पर दृष्टि डालनी चाहिए। पानी बहता रहता है तो साफ-स्वच्छ रहता है और रुक जाता है तो सड़ने लगता है। इसलिए जीवन को नदी के समान माना गया है जो निरंतर बहता रहे। नदी ही क्यों चांद, सितारे, सूर्य, पृथ्वी और ग्रह हरदम चलते रहते हैं। जीवन में चलते रहने के लिए हमें इन सबकी तरफ भी देखना चाहिए जो कभी रुकते ही नहीं। जो चलते जाते हैं उन्हें कभी थकान परेशान नहीं करती। कोई भी व्यक्ति संपूर्ण नहीं होता। सब में कोई न कोई कमी अवश्य रहती है। इसलिए अपनी कमियों के बारे में जानकर यह स्वीकार करें कि आपमें भी कुछ कमियां हैं। कहा जाता है कि ईश्वर ने प्रत्येक व्यक्ति को इस संसार में किसी खास गुण के साथ भेजा है। जरूरत इस बात की है कि आप अपनी काबिलियत को पहचानें। अनुसरण का सिद्धांत प्रसिद्ध यूनानी दार्शनिक अरस्तू के जमाने से चला आ रहा है। हमें ऐसे लोगों का हरदम अनुसरण करना चाहिए जो जीवन में सफल हुए हैं। हमें पता लगाना चाहिए कि उन्होंने सफल होने के लिए क्या-क्या किया। इससे हमें मालूम पड़ेगा कि ऐसे लोगों ने रुकना तो कभी सीखा ही नहीं। इसलिए ऐसे लोगों के लिए सफलता के दरवाजे खुले रहे।