धनतेरस के दिन लग्न के अनुसार खरीददारी करने से सुख-समृद्धि आती है
भगवान धन्वंतरि को वस्त्र अर्पित करें। साथ ही शंखपुष्पी, तुलसी, ब्राह्मी आदि पूजनीय औषधियां भी भगवान धन्वंतरि को अर्पित करें। इसके बाद रोग नाश की कामना के लिए इस मंत्र का जाप करें-
दीपावली हिंदू धर्म के मुख्य त्योहारों में से एक है। दीपावली का त्योहार पांच दिनों का त्योहार होता है। कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी यानी कि धनतेरस के दिन से दीपावली का त्योहार शुरू हो जाता है।
धनतेरस के दिन खरीददारी का बहुत अधिक महत्व है। इसके साथ-साथ इस दिन भगवान धनवंतरि की पूजा की जाती है। मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय धन्वंतरि भी अपने हाथ में कलश लेकर अवतरित हुए थे। जिस दिन भगवान अवतरित हुए थे उस दिन कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी थी। जिसे धनतेरस के दिन पूजा का विधान है। जो कि दीपावली से दो दिन पहलें पडता है। धन्वंतरि का कलश लेकर अवतरित होने के कारण इस दिन कोई बर्तन खरीदने पर आपको कई गुना ज्यादा फल मिलता है। धन्वंतरि को औषधि के देवता भी कहा जाता है। धन्वंतरि को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। इसके इस दिन उत्पन्न होने के कारण इस दिन इनकी ही पूजा की जाती है। साथ ही इस बार धनतेरस के दिन बहुत ही दुर्लभ योग है।
इस मंत्र का जाप तीन दिनों तक करते रहें
ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं महालक्ष्मी धनदा लक्ष्मी कुबेराय मम गृह स्थिरो ह्रीं ॐ नमः
ऐसे करें पूजा
धनतेरस के दिन सुबह जल्दी उठें और अपने सभी नित्य कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें। इसके बाद अपना रोज की तरह पूजा करें इसके बाद धन्वंतरि की मूर्ति या तस्वीर को पूजा स्थल में स्थापित करें। इस बात का ध्यान रहें कि जब आप भगवान की मूर्ति स्थापित कर रहें हो, तो आपका मुख पूर्व की तरफ पड़े। इसके बाद हाथ में फूल और अक्षत लेकर धन्वंतरि का आवाहन करें-
सत्यं च येन निरतं रोगं विधूतं,
अन्वेषित च सविधिं आरोग्यमस्य।
गूढं निगूढं औषध्यरूपम्, धन्वन्तरिं च सततं प्रणमामि नित्यं।।
इसके बाद चावल और आचमन के लिए जल चढाएं। इसके बाद भगवान को गंध, अबीर, गुलाल पुष्प, रोली, आदि लगाएं। साथ ही चांदी य़ा फिर किसी भी तरह के बर्तन में खीर का भोग लगाएं। भोग के बाद फिर आचमन करें। फिर उनके मुख की शुद्धि के लिए पान, लौंग, सुपारी चढ़ाएं।
भगवान धन्वंतरि को वस्त्र अर्पित करें। साथ ही शंखपुष्पी, तुलसी, ब्राह्मी आदि पूजनीय औषधियां भी भगवान धन्वंतरि को अर्पित करें। इसके बाद रोग नाश की कामना के लिए इस मंत्र का जाप करें-
ऊं रं रूद्र रोग नाशाय धनवंतर्ये फट्।।
इसके बाद भगवान धन्वंतरि को दक्षिणा और श्रीफल चढ़ाएं। और सबसे बाद में भगवान की कपूर से आरती करें।धनतेरस के दिन चांदी व पीतल के बर्तन खरीदने चाहिए, क्योकि इन्हें खरीदनें सेआपको मानसिक शांति मिलेगी और आपकी सेहत सही रहेगी। इस दिन दीपदान जरुर करना चाहिए क्योकि इस दिन दीपदान करने से अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है। इस बार धनतेरस के दिन बहुत ही अच्छा मुहूर्त और दुर्लभ है। इस दिन लग्न के अनुसार खरीददारी करने से सुख-समृद्धि आती है।