क्या हवा से अंगूठी प्रकट करना तंत्र विद्या है
सद्गुरु : हां, बिल्कुल है। आप भी हवा में से चीजों को प्रकट कर सकते हैं, लेकिन अधिकांश मामलों में वे बस चीजों का स्थान बदल देते हैं।
सद्गुरु से एक प्रश्न पूछा गया कि कोई जब मनुष्य हवा से अंगूठी प्रकट करता है, तो क्या वो तंत्र विद्या है? सद्गुरु बता रहे हैं कि कैसे ये जरुरी नहीं की चीज़ें हवा से प्रकट की जाएं…
प्रश्न : सद्गुरु, अंगूठी या ऐसी कोई चीज हवा में से प्रकट कर देना, क्या यह भी तंत्र विद्या है?
असल में लोग बस चीज़ों का स्थान बदल देते हैं
सद्गुरु : हां, यह तंत्र विद्या है। दरअसल यह हवा से प्रकट करना भी नहीं है। इनमें से अधिकांश लोग किसी चीज को हवा में से प्रकट करने में सक्षम नहीं हैं। ये बस चीजों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचा देते हैं।
अब जब वे आपको वह कोई चीज देतेे हैं तो ऐसा लगता है कि जैसे उन्होंने उसे हवा में से पैदा किया हो, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं होता; वे बस चीजों को गोदाम से आप तक पहुंचा देते हैं।बहुत से लोग घड़ी, सोने की अंगूठी, सोने की चेन, यहां तक कि व्हिस्की की बोतलें, वह भी ‘मेड इन हेवेन’ लेबल के साथ, पैदा कर देते हैं। ये लोग दरअसल कोई भी चीज पैदा नहीं करते हैं, बस चीजों का स्थान परिवर्तन करते हैं। इसमें थोड़ी-सी तंत्र विद्या का इस्तेमाल है। मान लेते हैं कि कहीं पर घडिय़ों से, गहनों से या इस तरह की चीजों से भरा कोई गोदाम है। अब जब वे आपको वह कोई चीज देतेे हैं तो ऐसा लगता है कि जैसे उन्होंने उसे हवा में से पैदा किया हो, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं होता; वे बस चीजों को गोदाम से आप तक पहुंचा देते हैं। जहां तक चमत्कार की बात है – एक दिन सुबह-सबह, एक आदमी बैसाखी के सहारे चलते हुए चर्च के अंदर घुसा। वह जाकर पवित्र जल कुंड के सामने रुका, उसमें से थोड़ा सा जल लेकर अपने पांव पर छिडक़ा और फिर अपनी बैसाखी फेंक दी। वहां वेदी के पास बैठा एक लडक़ा इस पूरे दृश्य को देख रहा था। वह दौड़ते हुए पादरी-कक्ष में गया और वहां जाकर उसने पादरी को पूरी घटना बताई। पादरी ने कहा, ‘बेटे, अभी तुमने एक चमत्कार देखा है। मुझे यह बताओ कि इस समय वह आदमी कहां है?’ लडक़ा बोला, ‘वो देखिए, वह वहां पवित्र जल कुंड के पास जमीन पर गिरा हुआ है, बेचारा अभी भी उठने की कोशिश कर रहा है।’
मन की शक्ति और ऊर्जा द्वारा सरंचना बदलना
प्रश्न : लेकिन सद्गुरु, आपने मेरे प्रश्न का उत्तर नहीं दिया। अगर कोई हवा में से चीजों को प्रकट कर देता है या उसे एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचा देता है, क्या यह तंत्र विद्या है?
सद्गुरु : हां, बिल्कुल है। आप भी हवा में से चीजों को प्रकट कर सकते हैं, लेकिन अधिकांश मामलों में वे बस चीजों का स्थान बदल देते हैं।
यही कारण है कि गोरखनाथ ने इतनी उपेक्षा के साथ कहा था, ‘मेरे गुरु किसी पत्थर के ऊपर पेशाब कर के उसे सोना बना सकते हैं।’चीजों को प्रकट करना और उन्हें गायब कर देना, तंत्र विद्या के द्वारा दोनों संभव हैं। किसी चीज को प्रकट करना, अगर एक तरह से इसे देखा जाए तो आप किसी चीज का पूरी तरह से सृजन नहीं करते, बस उसे एक पदार्थ से दूसरे पदार्थ में रूपांतरित कर देते हैं। अगर आप इसे वैज्ञानिक तरीके से देखेंगे, इस पत्थर और सोने में क्या अंतर है? दोनों में बस वही इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन हैं, बस उनके क्रम और संख्या का फर्क है। बस इतना ही है। अपने मन की शक्ति और ऊर्जा के द्वारा आप इनकी संरचना बदल सकते हैं। अगर आप मुझे एक पत्थर का टुकड़ा दें, तो मैं उसे सोने में बदल कर आपको दे सकता हूं। यही कारण है कि गोरखनाथ ने इतनी उपेक्षा के साथ कहा था, ‘मेरे गुरु किसी पत्थर के ऊपर पेशाब कर के उसे सोना बना सकते हैं।’