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यमुना जयंती कल, होंगे भव्य आयोजन

शनिवार को यमुना छठ है। जयंती के अवसर पर यमुना मैया का पूजन किया जायेगा। शहर में शोभायात्र निकाली जायेगी। शुद्धीकरण के संकल्प को मानव श्रृंखला बनेगी। यमुना प्रदूषण मुक्ति के जनजागरण को श्री माथुर चतुर्वेद परिषद द्वारा विश्राम घाट से शोभायात्रा निकाली जाएगी। परिषद महामंत्री राकेश तिवारी एवं मंत्री अजय चतुर्वेदी ने बताया कि

By Edited By: Published: Fri, 04 Apr 2014 01:32 PM (IST)Updated: Fri, 04 Apr 2014 01:32 PM (IST)
यमुना जयंती कल, होंगे भव्य आयोजन

मथुरा। शनिवार को यमुना छठ है। जयंती के अवसर पर यमुना मैया का पूजन किया जायेगा। शहर में शोभायात्रा निकाली जायेगी। शुद्धीकरण के संकल्प को मानव श्रृंखला बनेगी। यमुना प्रदूषण मुक्ति के जनजागरण को श्री माथुर चतुर्वेद परिषद द्वारा विश्राम घाट से शोभायात्रा निकाली जाएगी। परिषद महामंत्री राकेश तिवारी एवं मंत्री अजय चतुर्वेदी ने बताया कि शनिवार को अपरान्ह दो बजे से विश्रामघाट पर मानव श्रंखला बनाई जाएगी। यमुना भक्त अपनी एकजुटता का प्रदर्शन करेंगे।

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श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान द्वारा शनिवार को केशव देव मंदिर से मंगल कलश यात्रा प्रात: 9 बजे निकाली जायेगी। विश्रम घाट पर यमुना महारानी का दुग्धाभिषेक किया जायेगा। संस्था पदाधिकारी गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी ने बताया कि इस बार यमुना जयंती का पर्व यमुना प्रदूषण मुक्ति संकल्प दिवस के रूप में मनाया जायेगा। प्रदूषण मुक्ति हेतु अपरान्ह दो बजे संकल्प सभा व जन जागरण शोभायात्रा आरम्भ होगी।

होंगे अनेक धार्मिक अनुष्ठान- ब्रजवासी तीर्थ पुरोहित पंडा सभा के तत्वावधान में आयोजित महोत्सव के पदाधिकारी श्यामसुंदर गौतम ने कहा कि प्रात: 10 बजे केशीघाट पर यमुना महारानी का दुग्धाभिषेक व संगोष्ठी होगी। सायंकाल 4 बजे केशीघाट से शोभायात्रा निकाली जायेगी।

कल यमुना छठ है। हजारों श्रद्धालु यमुना में डुबकी लगाएंगे। लेकिन रसायनों की भरमार की वजह से यमुना का पानी मैला है। ऐसे में सवाल यह कि श्रद्धालु यमुना में डुबकी कैसे लगाएंगे? पण्डा सभा के नेता राम नारायण ब्रजवासी का कहना है कि महीनों से यमुना में पानी की मात्र कम है। यमुना प्रदूषण को लेकर एडीएम प्रशासन धीरेंद्र प्रताप ने नगर पालिका प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पत्र लिखकर स्थिति सुधरवाने को कहा है। शनिवार को यमुना छठ है, लेकिन यमुना में अभी तक ऊपर से पानी नहीं छोड़ा गया है। मजबूरन श्रद्धालुओं को मैली कालिंदी में ही स्नान करना पड़ेगा।


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