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जबकि ये संत हमारे अखाड़े के नहीं हैं

रामानंदी निर्मोही अखाड़ा से जुडे संत इस बात पर अड़े हैं कि उन्हें सांदीपनि आश्रम के पास लगे भूखंड दिए जाएं। अन्य संतों का आवंटन निरस्त किया जाए। उन्होंने मेला प्रशासन को अल्टीमेटम दिया है कि जब तक भूखंड नहीं मिलते, यहीं डटे रहेंगे।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 11 Feb 2016 01:18 PM (IST)Updated: Thu, 11 Feb 2016 01:28 PM (IST)
जबकि ये संत हमारे अखाड़े के नहीं हैं

उज्जैन। रामानंदी निर्मोही अखाड़ा से जुडे संत इस बात पर अड़े हैं कि उन्हें सांदीपनि आश्रम के पास लगे भूखंड दिए जाएं। अन्य संतों का आवंटन निरस्त किया जाए। उन्होंने मेला प्रशासन को अल्टीमेटम दिया है कि जब तक भूखंड नहीं मिलते, यहीं डटे रहेंगे।

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अखाड़े के श्रीमहंत परमात्मादासजी ने बताया कि मेला प्रशासन ने जानकारी में लाए बगैर सांदीपनि आश्रम के पास 335/9 सहित 6 भूखंड अन्य संतों को आवंटित कर दिए गए हैं। जबकि ये संत हमारे अखाड़े के नहीं हैं।

निर्मोही अणि अखाड़ा के श्रीमहंत राजेंद्रदासजी ने इस पर आपत्ति उठाते हुए मेला प्रशासन को पत्र भी दिया था। इसके बावजूद इन संतों को भूखंड आवंटित कर दिए गए। इसके चलते पिछले दिनों संतों के दो पक्षों के बीच विवाद हुआ और अभी विवादास्पद स्थल पर पुलिस बल तैनात है।

अभा अखाड़ा परिषद की बैठक 21 को संभावित

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की महत्वपूर्ण बैठक 21 फरवरी को होने की संभावना है। प्रशासनिक स्तर पर इसकी तैयारी शुरू हो गई है। शासन व प्रशासन के प्रतिनिधियों के साथ होने वाली इस बैठक के मायने इसलिए भी माने जा रहे हैं क्योंकि इसमें सभी तेरह अखाड़ों का प्रतिनिधित्व संभव है।

अब तक सभी अखाड़ों के साथ एक मंच पर बैठक नहीं हो सकी है। बैठक सिंहस्थ मेला कार्यालय या महाकाल प्रवचन हॉल में आयोजित करने की तैयारी की जा रही है। बैठक में सिंहस्थ की तैयारियों सहित शाही स्नान को लेकर विचार किया जाएगा। व्यवस्थाओं से संबंधित भी कई निर्णय लिए जा सकेंगे। प्रस्तावित तारीख के तहत अखाड़ों से संपर्क किया जा रहा है।

पहली बैठक महाकाल प्रवचन हॉल में आयोजित हुई थी, लेकिन इसमें सभी अखाड़े शामिल नहीं हो सके थे। तब प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय थे। इस बार प्रभारी मंत्री भूपेंद्रसिंह हैं। उनकी मौजूदगी में परिषद की यह पहली बैठक होगी।


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