काशी विश्वनाथ मंदिर; 28 को होगी पुलिस तैनाती पर सुनवाई
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में शिव लिंग के निकट पुलिस तैनात न किए जाने की मांग पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि स्थानीय पुलिस भगवान शंकर के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को धक्का मारकर
लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में शिव लिंग के निकट पुलिस तैनात न किए जाने की मांग पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि स्थानीय पुलिस भगवान शंकर के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को धक्का मारकर बाहर निकाल देते हैं। इससे श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत होती हैं।
न्यायामूर्ति एसएन शुक्ला व न्यायमूर्ति राजन राय की खंडपीठ ने हंिदूू पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से अधिवक्ता अशोक पांडेय द्वारा दायर जनहित याचिका पर यह आदेश दिया है। याचिका में तर्क दिया गया है कि देश के अन्य शक्तिपीठों के गर्भगृह अथवा दर्शन करने के स्थान पर पुलिस तैनात नहीं है। मंदिर की सुरक्षा चाक चौबंद हो लेकिन पुलिस द्वारा श्रद्धालुओं को धक्का देकर निकालने पर रोक लगाई जाए। मामले की अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी।विधि संवाददाता, लखनऊ : इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में शिव लिंग के निकट पुलिस तैनात न किए जाने की मांग पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि स्थानीय पुलिस भगवान शंकर के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को धक्का मारकर बाहर निकाल देते हैं। इससे श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत होती हैं।
न्यायामूर्ति एसएन शुक्ला व न्यायमूर्ति राजन राय की खंडपीठ ने हंिदूू पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से अधिवक्ता अशोक पांडेय द्वारा दायर जनहित याचिका पर यह आदेश दिया है। याचिका में तर्क दिया गया है कि देश के अन्य शक्तिपीठों के गर्भगृह अथवा दर्शन करने के स्थान पर पुलिस तैनात नहीं है। मंदिर की सुरक्षा चाक चौबंद हो लेकिन पुलिस द्वारा श्रद्धालुओं को धक्का देकर निकालने पर रोक लगाई जाए। मामले की अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी।