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विंध्यवासिनी मां का शयन, श्रृंगार का बदला समय

एक अप्रैल से गर्भगृह में मां विंध्यवासिनी का शयन लगना शुरू हो जाएगा। भोर में पांच बजे से शाम चार बजे तक चरण स्पर्श पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। नवरात्र मेला में भक्तों की सुविधा के लिए गर्भगृह में मां का शयन लगना बंद हो गया था।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 31 Mar 2015 02:47 PM (IST)Updated: Tue, 31 Mar 2015 02:48 PM (IST)
विंध्यवासिनी मां का शयन, श्रृंगार का बदला समय

विंध्याचल (मीरजापुर)। एक अप्रैल से गर्भगृह में मां विंध्यवासिनी का शयन लगना शुरू हो जाएगा। भोर में पांच बजे से शाम चार बजे तक चरण स्पर्श पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। नवरात्र मेला में भक्तों की सुविधा के लिए गर्भगृह में मां का शयन लगना बंद हो गया था।

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श्रृंगारिया विश्व मोहन उर्फ शिवजी मिश्र ने बताया कि दिन में एक से डेढ़ बजे तक आधे घंटे के लिए और रात में 12 बजे के बाद प्रतिदिन मां का गर्भगृह में शयन लगेगा। इस दौरान मंदिर के कपाट बंद रहेंगे लेकिन झांकी से दर्शन-पूजन होता रहेगा। भक्तों की सुविधा के लिए यह व्यवस्था चली आ रही है।

श्रृंगार का बदला समय- भोर में चार से पांच बजे तक मंगला आरती। दोपहर 12 से एक बजे तक भोग आरती। एक से डेढ़ बजे तक लगेगा शयन। रात साढ़े सात बजे से साढ़े आठ बजे तक शाम की आरती। रात साढ़े नौ बजे से साढ़े दस बजे तक बड़ी आरती। रात 12 से भोर में चार बजे तक शयन।


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