विहिप की बैठक में राममंदिर निर्माण का प्रस्ताव पास
विश्व हिंदू परिषद केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की दो दिवसीय बैठक के अंतिम दिन राम मंदिर निर्माण का संकल्प दोहराते हुए भव्य मंदिर बनाने का प्रस्ताव पास किया। संतों का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्र से मंदिर निर्माण की बाधाओं को दूर करने के लिए वार्ता करेगा। विहिप ने कहा कि अयोध्या ही
हरिद्वार। विश्व हिंदू परिषद केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की दो दिवसीय बैठक के अंतिम दिन राम मंदिर निर्माण का संकल्प दोहराते हुए भव्य मंदिर बनाने का प्रस्ताव पास किया। संतों का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्र से मंदिर निर्माण की बाधाओं को दूर करने के लिए वार्ता करेगा। विहिप ने कहा कि अयोध्या ही नहीं, बल्कि पूरे देश में कहीं भी बाबर के नाम पर मस्जिद स्वीकार नहीं है।
उत्तरी हरिद्वार स्थित प्राचीन श्रीराम मंदिर में विहिप की दो दिवसीय केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में मंदिर निर्माण के अपने पुराने संकल्प को दोहराया। अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा के भीतर किसी भी प्रकार की इस्लामिक पूजा स्थान का विरोध किया। उधर, प्रस्ताव में कहा कि जहां रामलला विराजमान हैं वही स्थान श्रीराम जन्म भूमि है। कहा गया कि 1528 ई. से पहले यहां विशाल मंदिर था, जिसे बाबर ने तोड़ा। सुप्रीम कोर्ट में चल रहे इस मामले में प्रतिदिन के अनुसार सुनवाई करने या ऐसा न होने पर केंद्र सरकार ने विशेष कोर्ट बनाने को कहा गया। विहिप मार्गदर्शक मंडल ने कहा कि ‘श्रीराम जन्मभूमि न्यास’ की ओर से प्रस्तुत मंदिर के प्रारूप के अनुसार मंदिर बनेगा। अयोध्या स्थित कार्यशाला में इस प्रारूप के अनुरूप करीब साठ फीसद पत्थर नक्काशी करके रखा है। बैठक में जूना पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज, परमार्थ आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी चिन्मयानंद, दक्षिणकाली पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी, महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज, निर्वाणी अणि अखाड़े के महंत धर्मदास आदि मौजूद थे।