वास्तु विज्ञान में इस उपाय को अनेक वास्तु दोषों को काटने का रामबाण इलाज कहते हैं
वास्तु शास्त्र के अनुसार दरवाजे पर सिंदूर, तेल लगाने से घर में नकारात्मक उर्जा का प्रवेश नहीं होता। घर में मौजूद वास्तुदोष को दूर करने में कारगर माना जाता है।
By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 15 Mar 2017 02:14 PM (IST)Updated: Thu, 16 Mar 2017 10:11 AM (IST)
सामाजिक एवं धार्मिक उद्देश्यों के अलावा सिंदूर के कुछ शास्त्रीय महत्व भी मौजूद हैं। शायद आपने कभी गौर किया हो कि कुछ लोगों के घर के बाहर दरवाज़े पर सिंदूर का इस्तेमाल किया जाता है। हमारे आसपास कुछ चीज़ें महज़ रंगों का महत्व बताने के अलावा और भी बहुत कुछ कह जाती हैं। इन्हीं में से एक चीज़ है ‘सिंदूर’, जो केवल अपने लाल होने का संकेत नहीं देता, अपितु यह इससे जुड़े लोगों की भावनाओं को दर्शाता है। एक सिंदूर की सबसे अधिक अहमियत एक सुहागन के अलावा शायद ही कोई समझता हो।
कुछ लोगों के घर के बाहर दरवाज़े पर सिंदूर का इस्तेमाल किया जाता है। उसके लिए सिंदूर सब कुछ है, उसके पति की निशानी एवं अपने सुहागन होने का गर्व है। एक स्त्री के अलावा पूजा सामग्री में आदि शक्ति की पूजा के लिए सिंदूर का इस्तेमाल किया जाता है। दूसरे शब्दों में हम ऐसा कह सकते हैं कि हिन्दू देवियों की पूजा सिंदूर के इस्तेमाल के बिना अधूरी है।
कुछ लोग तो सिंदूर के साथ-साथ तेल का इस्तेमाल भी करते हैं, अमूमन दीपावली के आसपास इन दोनों पदार्थों का मिश्रण कर खासतौर से घर के दरवाज़े पर धार्मिक चिन्ह बनाए जाते हैं। लेकिन इसके पीछे कारण क्या है?
दरअसल वास्तु शास्त्र के अनुसार दरवाजे पर सिंदूर और तेल लगाने से घर में नकारात्मक उर्जा का प्रवेश नहीं होता है। यह घर में मौजूद वास्तुदोष को भी दूर करने में कारगर माना जाता है।
वास्तु विज्ञान के अंतर्गत आप इस उपाय को अनेक वास्तु दोषों को काटने का रामबाण इलाज कह सकते हैं। इसके अलावा ऐसी भी मान्यता है कि दरवाजे पर सिंदूर लगाने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही यदि सरसों के तेल का भी उपयोग किया जाए तो यह शनि का प्रतिनिधि होने के लिहाज़ से घर-परिवार वालों की बुरी दृष्टि से रक्षा करता है।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें