Move to Jagran APP

सिंहस्थ : पांच पेशवाई, हजारों संत, अपार वैभव

महाकाल की नगरी महाकुंभ के रंग में पूरी तरह रंग गई है। मंगलवार को एक ही दिन में सिंहस्थ की पांच पेशवाई निकली।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 20 Apr 2016 12:58 PM (IST)Updated: Wed, 20 Apr 2016 01:14 PM (IST)
सिंहस्थ : पांच पेशवाई, हजारों संत, अपार वैभव

उज्जैन। महाकाल की नगरी महाकुंभ के रंग में पूरी तरह रंग गई है। मंगलवार को एक ही दिन में सिंहस्थ की पांच पेशवाई निकली। तीनों वैष्णव अणि अखाड़ों सहित निर्मल और अटल अखाड़े के संतों ने कुंभ की छावनी में प्रवेश किया। पूरे नगर में पेशवाई का उल्लास छाया रहा। संतों के स्वागत के लिए हजारों की संख्या में लोग उमड़े।

loksabha election banner

निर्मल: दिखा पंजाब सा नजारा

सुबह 9.30 बजे फ्रीगंज गुरुद्वारा से गुरुग्रंथ साहिब की पूजा अर्चना के बाद पंचायती अखाड़ा श्री निर्मल के संत पेशवाई के लिए निकले। सड़क पर ढोल-ताशे के साथ भांगड़ा और फॉक डांस करते पंजाबी युवा आकर्षण का केंद्र बने थे। ऐसा प्रतीत हो रहा था, जैसे पंजाब का नजारा हो। सेवादार सड़कों पर झाड़ू लगाते हुए नंगे पांव गुरुग्रंथ साहिब के लिए रास्ता तैयार कर रहे थे। निर्मल अखाड़े के श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह ने आराध्य देव का प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह ठाकुर के साथ पूजा किया। पूजन में अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी महाराज भी मौजूद थे।

सख्याराजे की बजाए गुरुद्वारे से निकली पेशवाई

निर्मल की पेशवाई में आंशिक परिवर्तन किया गया। परंपरागत सख्याराजे धर्मशाला की बजाय पेशवाई फ्रीगंज गुरुद्वारे से निकाली गई। पेशवाई के आगे पंजप्यारे चल रहे थे। पंजाब से आए श्रद्धालु गुरुग्रंथ साहिब के आगे झाड़ू लगाते एवं पानी की छिड़काव करते चल रहे थे। पालकी के ठीक पीछे निर्मल पीठाधीश्वर श्री महंत ज्ञानदेव सिंह एवं सचिव महंत बलवंत सिंह रथ पर चल रहे थे।

महिलाओं ने की पुष्प वर्षा

गुरुग्रंथ साहिब के आगे एक दर्जन महिलाएं पुष्प वर्षा करते हुए चल रही थी। गुरुद्वारे से लेकर छावनी तक महिलाएं चिलचिलाती धूप में नंगे पांव चली। पुष्प वर्षा और झाड़ू लगाने वाली सेवादार मनजीत कौर, शशि कौर, चरनजीत कौर, सिमरन कौर, पूनम एवं सिया ने बताया कि गुरु की सेवा मन के साथ करनी चाहिए।

जबलपुर और नासिक के बैंड ने सुनाई धार्मिक धुन

अखाड़े के महंत अमनदीप सिंह ने बताया कि पेशवाई के लिए जबलपुर और नासिक के बैंड विशेष रूप से बुलाएं गए थे। बैंड के पीछे लगभग 250 विरक्त संत चांदी का दंड लेकर चल रहे थे। चांदी का विशेष दंड सिर्फ विरक्त संत खास आयोजनों पर लेकर ही निकलते है।

अटल: नागाओं का जोश व विदेशी शिष्यों की भक्ति बनी आकर्षण

श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा की पेशवाई मंगलवार को गाजे-बाजे के साथ निकली। करीब 50 नागा साधुओं के जोश व 100 से ज्यादा विदेशी शिष्यों की भक्ति पेशवाई में आकर्षण का केंद्र रही। पेशवाई में अलग-अलग रथों पर अखाड़े के संत सवार थे। उनके आगे-पीछे भक्त भजनों पर थिरक रहे थे। पेशवाई में सबसे आगे रमतापंच व अखाड़ों के निशान लेकर साधु चल रहे थे। इसके बाद सौ से ज्यादा महिलाएं सर पर कलश लेकर पैदल चल रही थीं। 4 घोड़ों पर सवार साधुओं दल सभी को आकर्षित कर रहा था। एक नागा साधु घोड़े पर बैठे-बैठे श्रद्धालुओं टॉफी वितरित कर रहे थे। इनकी पीछे 15 नागा साधुओं का जोश देखते ही बन रहा था।

सौ से ज्यादा साधु चल रहे थे आगे पीछे

पेशवाई में नागा साधुओं के पीछे भगवान का रथ था। इसके पीछे अखाड़े के पदाधिकारियों के रथ थे। अखाड़े के महेश्वरानंदपुरीजी महाराज के रथ के आगे-पीछे करीब 100 से अधिक विदेशी शिष्य हाथों में भगवा पताकाएं लेकर चल रहे थे।

तेज गर्मी के बाद भी श्रद्धालुओं का जोश नहीं हुआ कम

पेशवाई देखने के लिए सुबह करीब 10 बजे से मार्ग के दोनों ओर लोग एकत्रित होने लगे थे। दोपहर करीब एक बजे निर्मल अखाड़े की पेशवाई देवास गेट से होते हुए मालीपुरा पहुंची। यहां बड़ी संख्या में लोग मार्ग के दोनों ओर खड़े थे। इसके आगे बढ़ते ही पीछे से अटल अखाड़ा की पेशवाई ने मालीपुरा में प्रवेश किया। लगातार दो पेशवाई देखकर लोग अभिभूत हो गए। दोपहर दो बजे तेज गर्मी के बाद भी लोगों को जोश कम नहीं हुआ।

दिगंबर अणि: पूरे समय पैदल चले रामस्नेही के संत

सख्याराजे धर्मशाला से दिगंबर अणि अखाड़ा की पेशवाई शुरू हुई। देवासगेट, मालीपुरा, दौलतगंज, नईसड़क, कंठाल, सतीगेट, गोपाल मंदिर, ढाबा रोड, शिप्रा की छोटी रपट से बड़नगर रोड स्थित रामस्नेही संप्रदाय के संत रामदयालजी महाराज शाहपुरा के शिविर पर समापन हुआ। पेशवाई में रामस्नेही संप्रदाय के संत रामदयालजी महाराज पैदल चले। उनके लिए सड़क पर बिछात बिछाई गई। महाराजजी के अनुयायियों की संख्या अधिक थी। पेशवाई सादगी से निकली। इंदौर का बैंड आकर्षण का केद्र रहा। संत ध्वज निशान थामे चल रहे थे। रामस्नेही संप्रदाय के संत रामदयालजी महाराज, दिगंबर अखाड़ा के श्रीमहंत कृष्णदास सहित अणि अखाड़ों से जुड़े संत शामिल हुए।

निर्वाणी अखाड़ा: मानस भवन से हुआ शुभारंभ

क्षीरसागर स्थित मानस भवन से निर्वाणी अखाड़ा की पेशवाई प्रारंभ हुई। पश्चात नई सड़क, कंठाल, तेलीवाड़ा, अंकपात मार्ग, खाकचौक, सांदीपनि आश्रम के सामने 12 भाई डांडी के शिविर पर समापन हुआ। पेशवाई में संत ओंकारदासजी महाराज के साथ निर्वाणी के श्रीमहंत धर्मदासजी महाराज, श्रीमहंत राजेंद्रदासजी, राधे-राधे बाबा, रामकिशनदासजी, कौशल किशोरदासजी सहित अणि के संत-महंत मौजूद थे।

निर्मोही अणि: गुजरात के गरबा की रही धूम

हनुमंतधाम बेगमपुरा से पेशवाई प्रारंभ हुई। इंदौरगेट, रेलवे स्टेशन, देवासगेट, मालीपुरा, दौलतगंज, नई सड़क, कंठाल, निकास, अंकपात मार्ग, खाकचौक, मंगलनाथ से 80 फीट रोड स्थित ओंकारदासजी महाराज भादोगांव वाले के शिविर में संतों ने प्रवेश किया। निर्वाणी अखाड़ा के श्रीमहंत राजेंद्रदास, श्रीमहंत धार्मदास, अणि अखाड़ा से जुड़े संत शामिल हुए। डेढ़ किमी लंबी पेशवाई में गुजरात का गरबा नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा। पेशवाई स्थल पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्रगिरी, महासचिव हरिगिरी, कलेक्टर कवींद्र कियावत उपस्थित थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.