नासिक कुंभ का पहला शाही स्नान आज
नासिक एवं त्र्यंबकेश्वर के सिंहस्थ महाकुंभ का पहला शाही स्नान श्रावण पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त में शनिवार तड़के करीब चार बजे शुरू हो जाएगा। प्रशासन ने इसकी सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं। नासिक एकमात्र स्थान है, जहां शैव एवं वैष्णव संन्यासी अलग-अलग स्थान पर गोदावरी में स्नान
ओमप्रकाश तिवारी, नासिक। नासिक एवं त्र्यंबकेश्वर के सिंहस्थ महाकुंभ का पहला शाही स्नान श्रावण पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त में शनिवार तड़के करीब चार बजे शुरू हो जाएगा। प्रशासन ने इसकी सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं। नासिक एकमात्र स्थान है, जहां शैव एवं वैष्णव संन्यासी अलग-अलग स्थान पर गोदावरी में स्नान करने उतरते हैं।
किसी विवाद के बाद पेशवाओं के समय में यह विभाजन किया गया था। वैष्णव संन्यासियों के तीन अखाड़े नासिक के गोदावरी स्थित रामकुंड में शाही स्नान करेंगे। शैव एवं उदासीन संप्रदाय के संन्यासी त्र्यंबकेश्वर स्थित कुशावर्त कुंड में शाही स्नान करेंगे। इसके अलावा लाखों की संख्या में आम श्रद्धालु भी श्रावण पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त में कुंभ स्नान का लाभ उठाएंगे।
12 वर्ष पहले अंतिम शाही स्नान के दौरान मची भगदड़ में 39 श्रद्धालु मारे गए थे। उस दुर्घटना से सबक लेकर प्रशासन इस बार फूंक-फूंककर कदम रख रहा है। न सिर्फ प्रमुख घाट रामकुंड की लंबाई बढ़ा दी गई है, बल्कि कई नए घाटों का निर्माण भी किया गया है।
भीड़ पर नियंत्रण रखने के लिए शुक्रवार शाम से ही नासिक में प्रवेश करनेवाले वाहनों पर रोक लगा दी गई है। रिंग रोड पर बाहर के वाहनों को रोककर वहां से सरकारी गाडिय़ों से श्रद्धालुओं को घाट के निकट तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई है।
गोदावरी नदी के उद्गम स्थल के नजदीक ही कुंभ का आयोजन होने के कारण इस पवित्र नदी में हमेशा पानी का अभाव रहता है। इस वर्ष महाराष्ट्र के बड़े भाग को सूखे से भी गुजरना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में शाही स्नानों के दिन नासिक के निकट स्थित गंगापुर बांध से गोदावरी में पानी छोड़ा जाता है, ताकि स्नान के लिए नदी में स्वच्छ जल उपलब्ध रहे।
कुंभ क्षेत्र में स्वच्छता बनाए रखने के लिए नासिक महानगरपालिका ने तीन हजार अतिरिक्त सफाईकर्मियों की व्यवस्था की है। स्वच्छता अभियान में स्थानीय नागरिक एवं स्वयंसेवी संस्थाएं भी भरपूर सहयोग कर रही हैं।