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धर्मो का संगम स्थली बना गया-बोधगया

ऐतिहासिक शहर गयाजी और बोधगया। दोनों शहर वर्तमान में हिन्दू, बौद्ध व इस्लाम धर्मावलंबियों का संगम स्थली बना है। राजकीय मेला पितृपक्ष, विश्वकर्मा पूजा, हज यात्रा और अनागारिक धम्मपाल की 150 वीं जयंती। राजकीय मेला पितपृक्ष में देश-विदेश के सनातनी श्रद्धालु अपने पितरों के मोक्ष की कामना को लेकर गयाजी व बोधगया के पिंड वेदियों प

By Edited By: Published: Tue, 16 Sep 2014 01:29 PM (IST)Updated: Tue, 16 Sep 2014 01:30 PM (IST)
धर्मो का संगम स्थली बना गया-बोधगया

बोधगया (गया)। ऐतिहासिक शहर गयाजी और बोधगया। दोनों शहर वर्तमान में हिन्दू, बौद्ध व इस्लाम धर्मावलंबियों का संगम स्थली बना है। राजकीय मेला पितृपक्ष, विश्वकर्मा पूजा, हज यात्रा और अनागारिक धम्मपाल की 150 वीं जयंती। राजकीय मेला पितपृक्ष में देश-विदेश के सनातनी श्रद्धालु अपने पितरों के मोक्ष की कामना को लेकर गयाजी व बोधगया के पिंड वेदियों पर पिंडदान के कर्मकांड को कर रहे हैं।

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वहीं, बोधगया में महाबोधि सोसाइटी आफ इंडिया के संस्थापक अनागारिक धम्मपाल के 150 वीं जयंती पर तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम को लेकर महाबोधि सोसाइटी आफ इंडिया बोधगया शाखा से लेकर विश्वदाय धरोहर महाबोधि मंदिर तक के आवागमन वाले मार्ग को पंचशील ध्वज से पाट दिया गया है। इस समारोह में अपनी सहभागिता सुनिश्चित कराने हेतु अनागारिक धम्मपाल के प्रपौत्र सह सोसाइटी के अध्यक्ष सहित काफी संख्या में श्रीलंकाई श्रद्धालु बोधगया आ रहे हैं।

वहीं, गया इंटरनेशनल एयरपोर्ट से प्रतिदिन दो विमान से इस्लाम धर्मावलंबियों अल्लाह के घर का दीदार करने के लिए परवाज कर रहे हैं। एयर इंडिया की दो विमान प्रतिदिन बिहार के विभिन्न जिलों से आने वाले आजमिने हज के लेकर जेद्दा/मदीना के लिए उड़ान भर रही है।


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