रोज करें इन नामों का पाठ तो बुद्धि, समृद्धि आपके घर में रहेंगी
जब जब पृथ्वी पर दैत्यों के आतंक का साया रहा तब तब भगवान विष्णु, शिव, माता पार्वती यहां अवतरित हुए। भगवान गणेश भी चारों युगों में अवतरित हुए हैं। सतयुग में गणेश जी महोत्कट विनायक के नाम से, त्रेतायुग में मयूरेश्वर, द्वापर युग में शिवपुत्र गजानन के नाम से अवतरित
जब जब पृथ्वी पर दैत्यों के आतंक का साया रहा तब तब भगवान विष्णु, शिव, माता पार्वती यहां अवतरित हुए। भगवान गणेश भी चारों युगों में अवतरित हुए हैं। सतयुग में गणेश जी महोत्कट विनायक के नाम से, त्रेतायुग में मयूरेश्वर, द्वापर युग में शिवपुत्र गजानन के नाम से अवतरित हुए।
और इस तरह पृथ्वी के अंत में जब भगवान कल्कि अवतरित होंगे उसी दौरान भगवान गणेश धूम्रकेतु रूप में अवतरित होंगे। इस बात का उल्लेख हमारे हिंदू धर्म ग्रंथों में मिलता है।
ये हैं गणेश परिवार
भगवान गणेश के पिता भोलेनाथ हैं। मां पार्वती उनकी मां है। भगवान मुरुगन यानी कार्तिकेय उनके भाई हैं, और गजानन की बहन अशोक सुंदरी हैं। भगवान गणेश की दो पत्नियां हैं रिद्धि और सिद्धि। हालांकि दक्षिण भारत में गणेश जी को ब्रह्मचारी के रूप में पूजा जाता है। गणेश जी के दो पुत्र हैं शुभ और लाभ।
उन्हें मोदक प्रिय है। लाल रंग के फूल से गणेशजी जल्द प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा उन्हें दुर्वा, शमी पत्र भी अर्पित करना चाहिए। गणेश जी के अस्त्र पाश और अंकुश हैं। और वाहन मूषक।
बुद्धि के लिए रोज करें इन नामों का पाठ
हिंदू पौराणिक ग्रंथो में उल्लेखित है। यदि भगवान गणेश के इन बारह नामों का रोज पाठ करें तो बुद्धि, गृहक्लेश और समृद्धि आपके घर में रहेंगी। यह नाम क्रमशः सुमुख, एकदन्त, कपिल, गजकर्णक, लम्बोदर, विकट, विघ्ननाशक, विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचन्द्र, विघ्नराज, द्वैमातुर, गणाधिप, हेरम्ब, गजानन।