सिंहस्थ खत्म उज्जैन से निकले श्रद्घालु
सिंहस्थ महाकुंभ का शनिवार को समापन हो गया, लेकिन इसका असर अभी भी दिख रहा है। उज्जैन पहुंचे लोग अब वापस घरों को लौट रहे हैं।
देवास। सिंहस्थ महाकुंभ का शनिवार को समापन हो गया, लेकिन इसका असर अभी भी दिख रहा है। उज्जैन पहुंचे लोग अब वापस घरों को लौट रहे हैं। शनिवार को उमड़ी भीड़ के कारण जगह-जगह जाम की स्थिति बनी थी। रविवार को भी कुछ-कुछ ऐसा ही हाल रहा। उज्जैन से लौटने वालों की भीड़ बढ़ती गई। हालत यह थी कि उज्जैन से आने वाली लगभग हर बस की छत पर सवारी बैठी थी। इंदौर रोड पर ट्रैफिक के कारण इंदौर के वाहन भी देवास होकर गुजरे। इससे उज्जैन रोड पर दोपहर बाद तक यातायात का जबर्दस्त दबाव रहा।
शनिवार के बाद रविवार को भी उज्जैन रोड पर यातायात का दबाव दिखाई दिया। वैसे तो बीती रात से ही उज्जैन से लौटने वाले वाहनों का आना शुरू हो गया था। लेकिन रविवार अलसुबह से इनकी संख्या में वृद्घि हो गई। रोड पर उज्जैन से आने वाली बसों की कतार सी लग गई थी। श्रद्घालुओं की संख्या का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उज्जैन से आने वाली हर बस की छत पर सवारी बैठी थी। इन बसों में कई इंदौर जाने वाली भी शामिल थीं जो आसान सफर के चक्कर में देवास से निकली। हालांकि दोपहर बाद ट्रैफिक सामान्य हो गया। 7 बसें उज्जैन, 5 भोपाल पहुंचाई सिंहस्थ खत्म होने के बाद वहां से निकलने वाले श्रद्घालुओं को लाने के लिए भी देवास से व्यवस्था की गई। डीटीओ निशा चौहान ने बताया कि उज्जैन से श्रद्घालुओं को निकालने के लिए 7 बसें रवाना की गई। साथ ही उज्जैन से आकर भोपाल जाने वाले श्रद्घालुओं के लिए भी रविवार को 5 स्कूल बसें रवाना करना पड़ी।
तिबंध के बावजूद बैठे छत पर आमतौर पर बस की छतों पर बैठना प्रतिबंधित है, लेकिन सिंहस्थ से लौटने वाले श्रद्घालुओं की सुविधा के लिए इस नियम में शिथिलता देखने को मिली। उज्जैन से आने वाली बसों पर अच्छी खासी संख्या में सवारी बैठी थी लेकिन न तो यातायात पुलिस उन्हें रोक रही थी न ही सवारी उतरवा रही थी। ऐसे में सवाल भी उठे कि अगर यात्रा के दौरान अप्रिय घटना घटती तो कौन जिम्मेदार होता।