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27 नवंबर को बंद हो जाएंगी भगवान बदरी विशाल के कपाट

पिछले साल की आपदा का खौफ इस साल भी बदरी विशाल की यात्रा पर मंडराता रहा। इसके चलते मात्र पौने दो लाख यात्री ही भगवान बदरीनाथ के दर्शन को पहुंचे, जबकि गत वर्ष आपदा के बावजूद 4.51 लाख यात्रियों ने भगवान के दर्शन किए। बदरीनाथ धाम के कपाट 27 नवंबर

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 25 Nov 2014 03:18 PM (IST)Updated: Tue, 25 Nov 2014 03:24 PM (IST)
27 नवंबर को बंद हो जाएंगी भगवान बदरी विशाल के कपाट

गोपेश्वर(चमोली)। पिछले साल की आपदा का खौफ इस साल भी बदरी विशाल की यात्रा पर मंडराता रहा। इसके चलते मात्र पौने दो लाख यात्री ही भगवान बदरीनाथ के दर्शन को पहुंचे, जबकि गत वर्ष आपदा के बावजूद 4.51 लाख यात्रियों ने भगवान के दर्शन किए। बदरीनाथ धाम के कपाट 27 नवंबर को बंद होने है और इसकी प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही बदरीनाथ से मंदिर समिति का कार्यालय जोशीमठ स्थानांतरित कर दिया गया है।

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पिछले साल की आपदा के बाद इस वर्ष यात्रा से सभी को जो उम्मीदें थी, वह परवान नहींं चढ़ी हैं। आपदा का भय ऐसा रहा कि श्रद्धालुओं में बदरीनाथ पहुंचने को लेकर खासा उत्साह नहीं दिखा। मंदिर समिति के सोमवार तक के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो इस वर्ष यात्रा सीजन में बदरीनाथ धाम में 1.75 लाख यात्री ही दर्शनों के लिए पहुंचे है।

यात्रियों ने भगवान बदरीनाथ के चरणों में चार करोड़ उन्नीस लाख की राशि दान की है। वहीं वर्ष 2013 में आपदा से पूर्व और उसके बाद तक कुल 4.51 लाख यात्रियों ने भगवान बदरीनाथ आ कर छह करोड़ की राशि का चढ़ावा चढ़ाया था।

यात्रा को लेकर लोगों के उत्साह में कमी का प्रमुख कारण बदरीनाथ तक सड़क मार्ग के खस्ताहाल होने को ज्यादा जिम्मेदार माना जा रहा है। जोशीमठ, पांडुकेश्वर से बदरीनाथ के बीच लामबगड़ क्षेत्र में इस प्रकार हल्की बारिश में भी पहाड़ी से हुए भूस्खलन व नाले में हाईवे बहने के चलते हाईवे अवरुद्ध होता रहा। इससे प्रशासन को बार-बार बदरीनाथ की यात्रा भी हाईवे खुलने तक रोकनी पड़ी थी। यह भी कारण रहा कि बदरीनाथ धाम की यात्रा को लेकर देश दुनिया में गए नकारात्मक संदेश ने श्रद्धालुओं की राह भी रोकी।

टोकन सिस्टम भी रहा स्थगित-

बदरीनाथ धाम में यात्रियों की सुविधाओं को लेकर 2013 में दर्शनों के लिए टोकन सिस्टम शुरू किया गया था। इसके तहत कंप्यूटरीकृत टोकन के माध्यम से यात्रियों को दर्शन का समय आवंटित किया जाता था। इससे यात्रियों को दर्शनों के लिए लंबी लाइन से छुटकारा भी मिला था, लेकिन इस वर्ष यात्रियों की कमी के चलते टोकन सिस्टम को स्थगित कर दिया गया।

बदरीनाथ धाम में इस वर्ष अब तक एक लाख पच्छत्तर हजार आठ सौ बयासी यात्री दर्शनों के लिए पहुंचे और मंदिर की आय चार करोड़ उन्नीस लाख हुई है। 2013 में आपदा में आपदा के बावजूद बदरीनाथ पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या साढ़े चार लाख रही।

-बीडी सिंह, सीईओ बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति


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