कुल्लू दशहरा: जलेब में जमे नाटी के रंग
दशहरा उत्सव के चौथे दिन भगवान नरसिंह की जलेब निकली। इस दौरान भगवान नरसिंह का घोड़ा आगे चला और उसके पीछे देवताओं के हारियानों ने नाटी डाली। विदेशी सैलानियों ने भी जलेब को कैमरे में कैद किया। यह जलेब पांच दिन तक चलेगी और दशहरा पर्व में भाग लेने आए सैकड़ों देवी-देवता बारी-बारी इसमें भाग लेंगे। जलेब राजा की चा
कुल्लू। दशहरा उत्सव के चौथे दिन भगवान नरसिंह की जलेब निकली। इस दौरान भगवान नरसिंह का घोड़ा आगे चला और उसके पीछे देवताओं के हारियानों ने नाटी डाली। विदेशी सैलानियों ने भी जलेब को कैमरे में कैद किया। यह जलेब पांच दिन तक चलेगी और दशहरा पर्व में भाग लेने आए सैकड़ों देवी-देवता बारी-बारी इसमें भाग लेंगे।
जलेब राजा की चानणी से शुरू होती है और ढालपुर की परिक्रमा कर चानणी के पास संपन्न होती है। मान्यता के अनुसार जलेब भगवान नरसिंह की मानी जाती है तथा राजा को नरसिंह का प्रतिनिधि माना जाता है। नरसिंह का प्रतिनिधि होने के नाते ही राजा पालकी में विराजमान होता है। यह जलेब पुराने समय में कानून व्यवस्था बनाए रखने व बुरी आत्माओं से बचने के लिए चलती थी।