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बुद्ध जयंती पर तथागत गौतम बुद्ध के विचारों को किया आत्मसात

सामाजिक एकता को शांति, प्रेम व भाईचारा का संदेश देने वाले तथागत गौतम बुद्ध की जयंती श्रद्धापूर्वक मनी। हर वर्ग के लोगों ने बुद्ध के विचारों को आत्मसात करते हुए उन्हें भावपूर्ण श्रद्धासुमन अर्पित किया। सम्राट अशोक फाउंडेशन की ओर से सुमित्रनंदन पंत पार्क में स्थापित भगवान बुद्ध की प्रतिमा

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 05 May 2015 12:20 PM (IST)Updated: Tue, 05 May 2015 12:24 PM (IST)
बुद्ध जयंती पर तथागत गौतम बुद्ध के विचारों को किया आत्मसात

इलाहाबाद। सामाजिक एकता को शांति, प्रेम व भाईचारा का संदेश देने वाले तथागत गौतम बुद्ध की जयंती श्रद्धापूर्वक मनी। हर वर्ग के लोगों ने बुद्ध के विचारों को आत्मसात करते हुए उन्हें भावपूर्ण श्रद्धासुमन अर्पित किया। सम्राट अशोक फाउंडेशन की ओर से सुमित्रनंदन पंत पार्क में स्थापित भगवान बुद्ध की प्रतिमा स्थल पर दीपदान हुआ। मंजू मौर्य, राकेश कुशवाहा, लक्ष्मण प्रसाद कुशवाहा के नेतृत्व में 2578 दीप जलाकर उनकी जयंती मनाई गई। इस दौरान सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

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कुशवाहा बंधु की ओर से तथागत बुद्ध शोभायात्रा निकाली गई। प्रियतम सिंह कुशवाहा की अगुवाई में निकली शोभायात्रा को सुभाष चौराहा से रमेशचंद्र कुशवाहा ने पंचशील ध्वज दिखाकर रवाना किया। इसमें शामिल लोग युद्ध नहीं बुद्ध चाहिए, पंचशील को अपनाना होगा भारत का स्वाभिमान बचाना होगा आदि नारों का उद्घोष करते हुए चल रहे थे। यात्रा में शामिल लोग लोगों को गौतम बुद्ध का संदेश देते हुए चल रहे थे। मुख्य अतिथि इलाहाबाद संग्रहालय के उपनिदेशक डॉ. ओंकार वानखेड़े ने कहा कि बुद्ध ने दु:ख के भीतर से अधिक बाहरी कारणों की खोज कर उसका निदान किया। अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता शुकदेव ने कहा कि बुद्ध दुनिया के पहले उपदेशक हैं जिन्होंने सदाचार की नींव पर धम्म को खड़ा किया।

पूर्णिमा पर संगम में डुबकी, दिया दान-

पूर्णिमा पर सोमवार को संगम और गंगा तट पर स्नानार्थियों का जमघट लगा। बड़ी संख्या में आस्थावानों ने डुबकी लगाई और यथासामथ्र्य दान दिया। स्नान-दान के लिए श्रद्धालु दूर -दूर से आए थे। इनमें महिलाओं की संख्या ज्यादा थी। भोर में शुरू हुआ स्नान-दान का सिलसिला दोपहर बाद तक जारी रहा। स्नानार्थियों की सुविधा के लिए तीर्थपुरोहितों ने एक दिन पहले ही घाटों को व्यवस्थित करवाकर वहां साफ-सफाई कराई थी। पुण्य लाभ की मान्यता के चलते सनातन मतावलंबी पूर्णिमा को पवित्र नदियों में स्नान कर यथासामथ्र्य दान देते हैं। इसी वजह से सोमवार की भोर से ही संगम एवं गंगा घाटों में डुबकी लगाने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। इलाहाबाद के साथ कौशांबी, प्रतापगढ़, से बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रयाग पहुंचे।

बुद्ध पूर्णिमा पर हजारों ने लगाई डुबकी - बुद्ध पूर्णिमा के पावन पर्व पर सोमवार की सुबह से ही फाफामऊ गंगा घाट पर हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई। स्नान करने का सिलसिला देर शाम तक चलता रहा। दूर-दूरदराज से आए श्रद्धालु स्नान करने के बाद यथासंभव दान-पुण्य भी किया। दोपहर में घाट पर लगा हैंडपंप खराब होने के चलते श्रद्धालु पानी की तलाश में भटकते रहे।

विश्व शांति के लिए बौद्ध अनुयायियों ने की प्रार्थना- बौद्ध कम्यून इंटरनेशनल के तत्वावधान में सम्राट हर्षवर्धन बुद्ध विहार में सोमवार को बौद्ध अनुयायियों ने हषरेल्लास के साथ त्रिपावनी बुद्ध महोत्सव मनाया। भोर में ही मंतेरेवानंद वर्धन जी के नेतृत्व भिक्खु संघ ने त्रिरजन की वंदना की। जिसके बाद बौद्ध अनुयायियों ने आवाहन सुत्त, प्रतीत्य समुत्पार, धम्म चक्क, पवत्तन सुत्त, रजन सुत्त, अ_विसंति सुत्तों का संगायन किया एवं विपस्यसना सिखाई गई। इसके पश्चात भिक्खुओं ने उपासंघ सहित पूजा वंदना की। जिसमें पंचशील ग्रहण, महामंगल सुत्त, करणीय मेत्त सुत, महामंगल गाथा और जयमंगल गाथा संपन्न हुई। अनुयायियों ने बौद्ध के समक्ष विश्व शांति के लिए प्रार्थना की। नेपाल में आई त्रासदी के लिए दुख जताया।


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