डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को दुष्कर्म के एक 14 वर्ष पुराने मामले में राहत नहीं दी।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को दुष्कर्म के एक 14 वर्ष पुराने मामले में राहत नहीं दी। डेरा प्रमुख ने कथित पीड़िता की लिखावट के और नमूने उपलब्ध कराने का निर्देश देने की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या बाबाजी आइ लव यू लिखने मात्र से कोई महिला समर्पण करती है। जस्टिस दीपक मिश्र और सी नागप्पन की पीठ ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए कहा कि कथित रूप से पीड़िता द्वारा लिखे गए पत्र की भाषा और आशय से कहीं भी सहमति नहीं दिखाई देती है।
डेरा प्रमुख की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत भूषण ने हालांकि कहा कि यह पत्र साक्ष्य का महत्वपूर्ण अंश है और आरोप से भिन्न है। उन्होंने कहा कि सीएफएसएल चंडीगढ़ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए उन्हें लिखावट के और नमूनों की जरूरत है।
भूषण की दलील सुनने के बाद पीठ ने उन्हें पत्र पढ़ने की सलाह दी और कहा कि यह दुष्कर्म है या नहीं साक्ष्यों के जरिये इसका फैसला सुनवाई करने वाली अदालत में होगा। पत्र पढ़ने के बाद भूषण ने कहा कि यह अज्ञात है और इसके आधार पर ही शिकायत दर्ज की गई है।
जवाब में पीठ ने पूछा, "सिर्फ इसलिए कि पीड़िता ने लिखा है बाबाजी आइ लव यू। इसका मतलब यह नहीं कि मैं खुद को पेश कर रही हूं।" जस्टिस मिश्र ने कहा कि यह उन्हें फ्रांसिसी लेखक विक्टर ह्यूगो की याद दिलाता है।
लेखक की सचिव 49 वर्षों तक उन्हें अपने समर्पण के बारे में पत्र लिखती रही, लेकिन लेखक ने कभी उसका गलत इस्तेमाल नहीं किया।