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देवी मां का मंदिर जर्जर, पर आस्था भरपूर

गांव बहीन में दो सो वर्ष पूर्व पुराना देवी माता का मंदिर ऐसा हैं, जो अब जर्जर हालत में है, पर श्रद्धालुओं में आस्था खूब है और वो शीश नवाने प्रतिदिन आते हैं। नवरात्र के दिनों में तो यह संख्या और बढ़ जाती है। मंदिर में अंदर जाने के लिए झुककर घुसना पड़ता है, परंतु मंदिर के प्रति लोगों की अपार आस्था है। ग्रामीणा

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 01 Oct 2014 01:02 PM (IST)Updated: Wed, 01 Oct 2014 01:11 PM (IST)
देवी मां का मंदिर जर्जर, पर आस्था भरपूर

पलवल। गांव बहीन में दो सो वर्ष पूर्व पुराना देवी माता का मंदिर ऐसा हैं, जो अब जर्जर हालत में है, पर श्रद्धालुओं में आस्था खूब है और वो शीश नवाने प्रतिदिन आते हैं। नवरात्र के दिनों में तो यह संख्या और बढ़ जाती है।

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मंदिर में अंदर जाने के लिए झुककर घुसना पड़ता है, परंतु मंदिर के प्रति लोगों की अपार आस्था है। ग्रामीणों का मानना है कि मंदिर में सच्चे दिल से जो भी मांगा जाता है, माता रानी उसे अवश्य पूरा करती है।

बुजुर्ग बताते थे कि मंदिर करीब 200 वर्ष पुराना है। करीब 150 वर्ष पहले भीमी नामक सुनार ने मंदिर की मरम्मत कराई थी और मंदिर का रखरखाव भी करवाता था। उसके बाद से मंदिर के रखरखाव के बारे में किसी ने ध्यान नहीं दिया।

लोगों का ऐसा मानना है कि मंदिर में सच्चे मन से जो भी माता की पूजा करता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। महिलाओं व बच्चों के अलावा आस-पास के ग्रामीण भी मंदिर में पूजा अर्चना के लिए आते हैं। साल भर मंदिर में पूजा अर्चना होती है, परंतु नवरात्र में तो भक्तों का तांता लगा रहता है।


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