बांकेबिहारी और भक्तों के बीच सेवायत दीवाल
कार्तिक पूर्णिमा पर बांके बिहारी मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं की भीड़। लेकिन बांके बिहारी और भक्तों के बीच सेवायत दीवाल बन गए। सेवायतों ने जगमोहन में बड़ा बैनर टांग दिया। इस कारण भक्तों को दर्शन करने में दिक्कतें हुईं। सैकड़ों श्रद्धालु तो बिना दर्शन के ही लौट गए। बांके बिहारी मंदिर में हर दिन हजारों श्रद्धालु देश-विदे
वृंदावन। कार्तिक पूर्णिमा पर बांके बिहारी मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं की भीड़। लेकिन बांके बिहारी और भक्तों के बीच सेवायत दीवाल बन गए। सेवायतों ने जगमोहन में बड़ा बैनर टांग दिया। इस कारण भक्तों को दर्शन करने में दिक्कतें हुईं। सैकड़ों श्रद्धालु तो बिना दर्शन के ही लौट गए।
बांके बिहारी मंदिर में हर दिन हजारों श्रद्धालु देश-विदेश से दर्शनों की लालसा में आते हैं। पर्व के दिनों में भीड़ लाखों में पहुंच जाती है। ऐसे में दर्शनार्थियों को अपने आराध्य की एक झलक पाने को जिद्दोजहद करनी पड़ती है। इसके बावजूद उन्हें जब दर्शन सुलभ न हों तो उनकी भावना को ठेस पहुंचती है। मंदिर के जगमोहन यानि ठाकुरजी के ठीक सामने ऊपर की ओर कई दिनों से बैनर टांग दिया गया है। रविवार को कार्तिक पूर्णिमा पर भक्त और बांके बिहारी के बीच बैनर दीवाल बनकर खड़ा रहा। इससे हजारों श्रद्धालु अपने आराध्य की झलक पाने से वंचित रह गये। परिसर में मंदिर के सामने टहलते सेवायत श्रद्धालुओं की भावना से खेलते रहे। किसी ने श्रद्धालुओं की भावनाओं को नहीं समझा। कई श्रद्धालुओं ने इस मसले को एक दो सेवायतों के सामने रखा, पर वे लोग उनकी बातों को अनसुना कर गए।
मंदिर की व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने को बांके बिहारी मंदिर के जगमोहन में सेवायत समेत किसी को भी टहलने पर उच्च न्यायालय ने रोक लगा रखी है। इसके बाद भी कई सेवायत ऐसे हैं, जो मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे।
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