बाबा दरबार में गोधूलि बेला से लगी कतार
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में सावन के दूसरे दिन श्रद्धा की सावनी फुहार जमकर बरसी। सुबह से दर्शन-पूजन और जलाभिषेक का सिलसिला शुरू हुआ जो गोधूलि बेला से रेला में तब्दील हो गया। अविरल कतार जिसका एक सिरा बाबा के गर्भगृह में तो दूसरा फूल मंडी के पार। जैसे जैसे शाम
वाराणसी, जागरण संवाददाता। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में सावन के दूसरे दिन श्रद्धा की सावनी फुहार जमकर बरसी। सुबह से दर्शन-पूजन और जलाभिषेक का सिलसिला शुरू हुआ जो गोधूलि बेला से रेला में तब्दील हो गया। अविरल कतार जिसका एक सिरा बाबा के गर्भगृह में तो दूसरा फूल मंडी के पार। जैसे जैसे शाम ढलती रही, कतार बढ़ती ही रही।
विभिन्न प्रांतों, जिलों से आए श्रद्धालु और कांवडि़ये तो थे स्थानीयजनों ने भी रविवार के अवकाशीय योग का लाभ उठाया। मनोकामना पूर्ति के लिए बाबा का दर्शन-पूजन, दूध-जल से अभिषेक और बेलपत्र अर्पित किया और आंकड़ा 50 हजार के पार कर दिया। श्रीकाशी विश्वनाथ के साथ ही अन्य शिवालयों में भी दर्शन पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ रही। इससे पूरे दिन चहल पहल तो रही ही मार्कडेय महादेव मंदिर में रात से ही कतार भी लग गई। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दर्शन पूजन का क्रम देर रात तक जारी था। इसमें कांवरियों के जत्थे अलग ही रंगत बिखेर रहे थे।