मान्यता है कि नए वाहन की पूजा इस मंदिर में की जाए तो वाहन शुभ होता है
मान्यता है कि नए वाहन की पूजा मोती डूंगरी गणेश मंदिर में की जाए तो वाहन शुभ होता है।
इंदौर यानी मिनी मुंबई और चारों और गुलाबी रंग की रंगत पेश करती गुलाबी नगरी जयपुर। यह शहर भले ही अलग-अलग नामों से देश में जाने जाते हों लेकिन इनमें एक बात समान है और वो यह कि यहां के लोग जब भी कोई नए वाहन खरीदते हैं तो सर्वप्रथम गणेश जी के मंदिर ले जाकर उस वाहन की पूजा करवाते हैं।
मध्यप्रदेश के इंदौर में जहां वाहनों की पूजा पूरी विधि-विधान से खजराना गणेश मंदिर में होती है तो वहीं राजस्थान के जयपुर में मोती डूंगरी गणेश मंदिर में यह पूजा की जाती हैं। जयपुर को छोटी काशी भी कहा जाता है क्योंकि यहां हिंदू मंदिर बहुत अधिक हैं।
वैसे जयपुर में भगवान गणेश का मोती डूंगरी मंदिर परकोटा क्षेत्र से बाहर जेएलएन मार्ग पर है। इसके दक्षिण भाग में एक टीले पर लक्ष्मी नारायण का विराट मंदिर है जिसे बिरला मंदिर के नाम से जाना जाता है।
यहां माह के प्रत्येक बुधवार को अपने नए वाहनों की पूजा करवाने के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है। मान्यता है कि नए वाहन की पूजा मोती डूंगरी गणेश मंदिर में की जाए तो वाहन शुभ होता है।
ठीक इसी तरह मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के कालिका मंदिर में भी नए वाहनों की पूजा करने का विधान है। लोगों का मानना है कि ऐसा करने पर नए वाहन उनका हमेशा साथ देते हैं।