रतनगढ़ माता मंदिर पर नवरात्र में चढ़ेगा 1935 किलो का सबसे वजनी घंटा
रतनगढ़ माता मंदिर पर नवरात्र में देश का सबसे वजनी बजने वाला पीतल का घंटा चढ़ाया जाएगा। घंटा बनकर तैयार है। इसके के लिए ट्रायल की प्रक्रिया शुरू हो गई है। गुरुवार को कलेक्टर प्रकाश जांगरे ने मूर्तिकार प्रभात राय के साथ रतनगढ़ मंदिर पहुंचकर घंटा स्थापित करने बनाए गए
दतिया(मध्यप्रदेश)। रतनगढ़ माता मंदिर पर नवरात्र में देश का सबसे वजनी बजने वाला पीतल का घंटा चढ़ाया जाएगा। घंटा बनकर तैयार है। इसके के लिए ट्रायल की प्रक्रिया शुरू हो गई है। गुरुवार को कलेक्टर प्रकाश जांगरे ने मूर्तिकार प्रभात राय के साथ रतनगढ़ मंदिर पहुंचकर घंटा स्थापित करने बनाए गए स्ट्रेक्चर का अवलोकन किया।
दरअसल मंदिर पर श्रद्घालुओं द्वारा चढ़ाने जाने वाले घंटों की मंदिर प्रबंधन कमेटी नीलामी कराती थी। कलेक्टर प्रकाश जांगरे ने घंटों की नीलामी न कराकर छोटे घंटों को मिलाकर बड़ा घंटा बनवाने का निर्णय लिया तथा यह कार्य ग्वालियर के मूर्तिकार प्रभात राय को सौंपा।
पहले घंटा 1100 किलो का बनवाया जा रहा था पर अब इसका वजन 1935 किलो है। देश के सबसे वजनी घंटे को रतनगढ़ माता मंदिर पर चढ़ाए जाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कार्यक्रम तय कराने के प्रयास प्रशासन द्वारा किए जा रहे हैं। सीएम के विदेश यात्रा से लौटने के बाद ही कुछ कार्यक्रम तय हो सकेगा।
13 अक्टूबर से शुरू हो रहे नवरात्र पर्व पर रतनगढ़ माता मंदिर पर श्रद्घालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू होगा। श्रद्घालुओं की संख्या पंचमी के बाद बढ़ने लगती है। माता मंदिर पर नवरात्र में जवारे चढ़ाने की पुरानी परंपरा है। देवी मां के दरबार में मन्नत मांगने तथा पूरी होने पर श्रद्घालु जबारे चढ़ाने आते हैं। मंदिर की प्रसिद्घि ग्वालियर चंबल तथा बुंदेलखण्ड सहित राजस्थान तक है।
कलेक्टर प्रकाश जांगरे के मुताबिक नवरात्र में रतनगढ़ माता मंदिर पर पहुंचने वाले श्रद्घालुओं की संख्या 10 लाख तक पहुंचेगी। श्रद्घालुओं की साल दर साल बढ़ रही संख्या को ध्यान में रखकर मंदिर के कायाकल्प का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा था जिसे मुख्य सचिव की पहले से स्वीकृति मिली।
श्रद्घालु मंदिर पर ठीक से देवी मां के दर्शन कर सके इसके लिए मंदिर परिसर के पास पुलिस चौकी को हटाकर बड़ा प्लेटफार्म तथा परिक्रमा के रास्ते को भी विस्तार दिया है, लोग आसानी से दर्शन कर परिक्रमा कर सके। मंदिर के पास एल आकार की रैलिंग लगाई गई है। श्रद्घालु रैलिंग से होकर दर्शन करेंगे।