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बदलता जा रहा है राजेश्वर मंदिर का स्वरूप

नगर के प्राचीन मंदिरों में से एक राजेश्वर मंदिर का स्वरूप अब बदलता जा रहा है। इसके जीर्णोद्धार की गति तेज होती जा रही है। 26 अप्रैल को इसके सौंदर्यीकरण कार्य को दो साल हो जाएंगे। राजपुर चुंगी के समीप स्थित इस मंदिर की पूरे शहर में मान्यता है। इसका मुख्य भवन जर्जर होता जा रहा था। दो साल पूर्व इसका जीर्णोद्धार प्राचीन राजेश्व

By Edited By: Published: Thu, 24 Apr 2014 12:10 PM (IST)Updated: Thu, 24 Apr 2014 12:22 PM (IST)
बदलता जा रहा है राजेश्वर मंदिर का स्वरूप

आगरा। नगर के प्राचीन मंदिरों में से एक राजेश्वर मंदिर का स्वरूप अब बदलता जा रहा है। इसके जीर्णोद्धार की गति तेज होती जा रही है। 26 अप्रैल को इसके सौंदर्यीकरण कार्य को दो साल हो जाएंगे।

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राजपुर चुंगी के समीप स्थित इस मंदिर की पूरे शहर में मान्यता है। इसका मुख्य भवन जर्जर होता जा रहा था। दो साल पूर्व इसका जीर्णोद्धार प्राचीन राजेश्वर मंदिर ट्रस्ट ने शुरू किया। इसमें 101 फुट ऊंचा मुख्य शिखर बनाया जा रहा है। जीर्णोद्धार पूर्ण होने के बाद इस पर कलश स्थापित किया जाएगा। इसके साथ- साथ इस पर 71 फुट और 81 फुट के दो गुंबद भी बनवाए जा रहे हैं। जो गर्भ गृह 14 फुट चौड़ा और 14 फुट लंबा था, उसे अब 30 फुट लंबा और 22 फुट चौड़ा बनाया जाएगा। इसके साथ ही मुख्य मंदिर के अलावा अन्य मंदिरों का भी जीर्णोद्धार किया जाएगा।

समिति के सदस्यों के अनुसार मंदिर जीर्णोद्धार का लक्ष्य पांच साल का है। इसमें अभी तीन साल और शेष हैं। शिखर में ऊंचाई होने की वजह से काम की गति धीमी रही। उसके बाद इसके काम में गति मिल जाएगी। शिखर आदि के निर्माण के बाद मंदिर परिसर का मुख्य गेट भी बनवाया जाएगा।

26 अप्रैल को इसके जीर्णोद्धार के शुभारंभ को दो साल हो रहे हैं। इस अवसर पर 11 कुंडीय यज्ञ का आयोजन मंदिर परिसर में किया जा रहा है।


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