राधा रानी ब्रजयात्रा पहुंची आदिबद्री धाम
श्रीकृष्ण ने समस्त ब्रजवासियों के स्व. माता-पिता नन्द-यशोदा़ के तीर्थदर्शन की प्रबल इच्छा पूर्ति के लिए सभी तीर्थों को यहां स्थापित किया।
मथुरा। श्रीकृष्ण ने समस्त ब्रजवासियों के स्व. माता-पिता नन्द-यशोदा़ के तीर्थदर्शन की प्रबल इच्छा पूर्ति के लिए सभी तीर्थों को यहां स्थापित किया।
उन्हीं मालतिवन, योगमाया मंदिर, नर नारायण पर्वत, रोहिताचल, गंधमादन, कनकांचल, मैनाक पर्वत तथा द्रोणांचल पर्वत, त्रिकूट पर्वत, विंध्याचल एवं धवल गिरि, पापनाशिनी गंगा और गंगोत्री, यमुनोत्री, अनेक दिव्य स्थलों का दर्शन ब्रजयात्रियों ने किया। इन तीर्थों की महिमा वर्णन करते हुए भागवताचार्या श्रीजी शर्मा ने कहा कि यहां विराजमान बद्रीनाथजी ही आदिबद्री हैं।
मंदिर के पास ही तप्तकुंड है। आगे सघन तरुलताओं में देव सरोवर हैं, जिसका नव निर्माण ब्रज के विरक्त संत रमेश बाबा ने मान मंदिर के बालक-बालिकाओं के कठोर परिश्रम के बाद इसी वर्ष कराया। सभी यात्रियों से यमुना मुक्तिकरण के संयोजक राधाकांत शास्त्री ने बद्रीनाथजी के चरणों में प्रार्थना कराई कि वे श्रीयमुना महारानी की अविरलता और निर्मलता के प्रयास को सफल बनाएं।