पंडितो ने सात नदियों के पवित्र पानी से उनका राज्याभिषेक किया इसलिये...
1680 में शिवाजी बीमार पड़ गये और 52 वर्ष की उम्र में इस दुनिया से चले गये | शिवाजी के मौत के बाद उनकी पत्नी सोयराबाई ने उसके पुत्र राजाराम को सिंहासन पर बिठाने की योजना बनाई |
1674 में मराठा सेना के सेनापति प्रतापराव गुर्जर को आदिलशाही सेनापति बहलोल खान की सेना पर आक्रमण के लिए बोला | प्रतापराव की सेना पराजित हो गयी और उसे बंदी बना लिया | इसके बावजूद
शिवाजी ने बहलोल खान को प्रतापराव को रिहा करने की धमकी दी वरना वो हमला बोल देंगे | शिवाजी ने प्रतापराव को पत्र लिखकर बहलोल खान की बात मानने से इंकार कर दिया | अगले कुछ दिनों में शिवाजी को पता चला कि बहलोल खान की 15000 लोगो की सेना कोल्हापुर के निकट नेसरी में रुकी है |
प्रतापराव और उसके छ: सरदारों ने आत्मघाती हमला कर दिया ताकि शिवाजी की सेना को समय मिल सके | मराठो ने प्रतापराव की मौत का बदला लेते हुए बहलोल खान को हरा दिया और उनसे अपनी जागीर छीन ली | शिवाजी प्रतापराव की मौत से काफी दुखी हुए और उन्होंने अपने दुसरे पुत्र की शादी प्रतापराव की बेटी से कर दी |
शिवाजी ने अब अपने सैन्य अभियानों से काफी जमीन और धन अर्जित कर लिया लेकिन उन्हें अभी तक कोई औपचारिक ख़िताब नही मिला था | एक राजा का ख़िताब ही उनको आगे आने वाली चुनौती से रोक सकता था | शिवाजी को रायगढ़ में मराठो के राजा का ख़िताब दिया गया | पंडितो ने सात नदियों के पवित्र पानी से उनका राज्याभिषेक किया | अभिषेक के बाद शिवाजी ने जीजाबाई से आशीर्वाद लिया | उस समारोह में लगभग रायगढ़ के 5000 लोग इक्ठटा हुए थे | शिवाजी को छत्रपति का खिताब भी यही दिया गया | राज्याभिषेक के कुछ दिनों बाद जीजाबाई की मौत हो गयी | इसे अपशकुन मानते हुए दुसरी बार राज्याभिषेक किया गया|
दक्षिणी भारत में विजय और शिवाजी के अंतिम दिन
1674 की में मराठो ने एक आक्रामक अभियान चलाकर खानदेश पर आक्रमण कर बीजापुरी पोंडा , कारवार और कोल्हापुर पर कब्जा कर लिया |इसके बाद शिवाजी ने दक्षिण भारत में विशाल सेना भेजकर आदिलशाही किलो को जीता | शिवाजी ने अपने सौतेले भाई वेंकोजी से सामजंस्य करना चाहा लेकिन असफल रहे इसलिए रायगढ़ से लौटते वक्त उसको हरा दिया और मैसूर के अधिकतर हिस्सों पर कब्जा कर लिया |
1680 में शिवाजी बीमार पड़ गये और 52 वर्ष की उम्र में इस दुनिया से चले गये | शिवाजी के मौत के बाद उनकी पत्नी सोयराबाई ने उसके पुत्र राजाराम को सिंहासन पर बिठाने की योजना बनाई | संभाजी महाराज की बजाय 10 साल के राजाराम को सिंहासन पर बिठाया गया | हालांकि संभाजी ने इसके बाद सेनापति को मारकर रायगढ़ किले पर अधिकार कर लिया और खुद सिंहासन पर बैठ गया | संभाजी महाराज इसके बाद वीर योद्धा की तरह कई वर्षो तक मराठो के लिए लड़े | शिवाजी के मौत के बाद 27 वर्ष तक मराठो का मुगलों से युद्ध चला और अंत में मुगलों को हरा दिया | इसके बाद अंग्रेजो ने मराठा साम्राज्य को समाप्त किया था |