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अब राधे मां पर कसेगा इनकम टैक्स का शिकंजा

दहेज उत्पीडऩ, धोखाधड़ी व अश्लीलता फैलाने के आरोपों में घिरी स्वघोषित धर्मगुरु राधे मां से संबंधित वित्तीय गड़बड़ी के आरोपों की जांच आयकर विभाग को सौंप दी गई है। धर्मादाय आयुक्त के पास भी शिकायतों को जांच के लिए भेजा गया है। सोमवार को सरकारी वकील संदीप शिंदे ने बॉम्बे

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 07 Oct 2015 01:26 PM (IST)Updated: Wed, 07 Oct 2015 01:31 PM (IST)
अब राधे मां पर कसेगा इनकम टैक्स का शिकंजा

मुंबई। दहेज उत्पीडऩ, धोखाधड़ी व अश्लीलता फैलाने के आरोपों में घिरी स्वघोषित धर्मगुरु राधे मां से संबंधित वित्तीय गड़बड़ी के आरोपों की जांच आयकर विभाग को सौंप दी गई है। धर्मादाय आयुक्त के पास भी शिकायतों को जांच के लिए भेजा गया है। सोमवार को सरकारी वकील संदीप शिंदे ने बॉम्बे हाईकोर्ट को यह जानकारी दी। हाईकोर्ट में राधे मां के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर वकील फाल्गुनी ब्रम्होभट्ट ने जनहित याचिका दायर की है।

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कानून के प्रावधानों का उल्लंघन नहीं: वकील

न्यायमूर्ति वीएम कानडे व न्यायमूर्ति शालिनी फनसालकर जोशी की खंडपीठ के समक्ष शिंदे ने कहा कि पुलिस हर पहलू से मामले की जांच कर रही है। हमने डॉली बिंद्रा की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली है। अन्य लोगों के आरोप भी बिंद्रा की शिकायत के समान है, इसलिए हमने दूसरी एफआईआर दर्ज नहीं की है। जहां तक बात वित्तीय गड़बड़ी के आरोपों की है तो हमने उन्हें जांच के लिए आयकर विभाग व धर्मदाय आयुक्त के पास भेजा है। इस दौरान उन्होंने मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी का हलफनामा भी पेश किया।

हलफनामे में साफ किया है कि इस प्रकरण मेें जादू टोना, नरबलि व अन्य कुप्रथाओं पर शिंकजा कसने के लिए सरकार की ओर से लाए गए कानून के प्रावधानों का उल्लंघन नहीं हुआ है। यह याचिका निजी हित को ध्यान में रखकर दायर की गई है। इसलिए इसे समाप्त किया जाए।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ब्रम्होभट्ट ने कहा कि उन्हें पुलिस के हलफनामे पर जवाब देने के लिए थोड़ा वक्त दिया जाए। इसके बाद खंडपीठ ने मामले की सुनवाई दो सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी।


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