श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में अब सर्व पूजा योजना में प्रसाद की गारंटी
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में वार्षिक पूजन-अभिषेक के लिए संचालित सर्व पूजा योजना में अब प्रसाद की गारंटी भी होगी। श्रद्धालु द्वारा योजना के तहत शुल्क जमा करने के दौरान तय की गई सालाना तिथि पर पूजन-अनुष्ठान किया जाएगा।
वाराणसी । श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में वार्षिक पूजन-अभिषेक के लिए संचालित सर्व पूजा योजना में अब प्रसाद की गारंटी भी होगी। श्रद्धालु द्वारा योजना के तहत शुल्क जमा करने के दौरान तय की गई सालाना तिथि पर पूजन-अनुष्ठान किया जाएगा।
इसकी सूचना पंजीकृत डाक से संबंधित व्यक्ति को दी जाएगी। बाबा को अर्पित भस्म-प्रसाद, बेल पत्र और प्रसाद भी भेजा जाएगा। अब तक पूजन के उपरांत बाबा का भस्म व बेलपत्र सामान्य डाक से भेजा जाता था। हालांकि, इसके श्रद्धालु तक पहुंचने की कोई गारंटी नहीं होती थी।
ऐसा दक्षिण भारतीय श्रद्धालुओं के साथ हुआ भी। इससे सशंकित हो उन्होंने मंदिर प्रशासन से शिकायत की। इसके बाद प्रशासन सतर्क हुआ और छानबीन में पाया गया योजना के तहत पंजीकृत श्रद्धालुओं की सूची व्यवस्थित नहीं है। ऐसे में सूची नए सिरे से व्यवस्थित करने का निर्देश दिया गया है।
सर्व पूजा योजना को पारदर्शी व तयशुदा बनाने की कवायद कर रहे हैं ताकि श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा मिल सके। इसे विस्तार भी दिया जाएगा ताकि लोग जुड़ें और लाभान्वित हों।
इंदिरा ने किया था श्रीगणोश : 1983 में मंदिर के सरकारी अधिग्रहण के बाद विविध कार्यो के संचालन में धन की कमी आड़े आ रही थी। इस बीच मंदिर आईं तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से मंदिर प्रशासन ने इस बाबत फंड की मांग की। उन्होंने पांच हजार रुपये जमा कर सर्व पूजा योजना शुरू की। इसके तहत तय था कि श्रद्धालु द्वारा जमा धन के ब्याज से ही उसके द्वारा तय वार्षिक तिथि पर 20 साल तक उसके नाम से ही मंदिर प्रशासन पूजन कराएगा। उसे डाक से प्रसाद भी भेजा जाएगा। बाद में अन्य शुल्कों में विस्तार के साथ ही यह राशि पहले 11 हजार और फिर 13,751 रुपये हो गई। अब तीन योजनाएं : फिलहाल मंदिर प्रशासन द्वारा ऐसी तीन योजनाएं संचालित हैं, जिनमें पांच हजार रुपये जमा करने पर साल में एक दिन संबंधित के नाम आरती श्रृंगार, 6,251 रुपये जमा करने पर साल में एक दिन अभिषेक और 13,751 रुपये जमा करने पर सविधि पूजन अनुष्ठान किया जाता है। तीनों योजनाओं की मियाद 20 साल है।