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शास्‍त्रों में नहीं लिखा महिलाएं मंदिर में नहीं जा सकती

शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश और पूजा को लेकर चल रहे विवाद के बीच आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर का बयान आया है। उन्‍होंने रविवार को कहा कि कि शास्त्रों में यह कहीं नहीं लिखा गया है कि महिलाओं को मंदिर के अंदर नहीं जाना चाहिए।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 08 Feb 2016 11:03 AM (IST)Updated: Mon, 08 Feb 2016 11:07 AM (IST)
शास्‍त्रों में नहीं लिखा महिलाएं मंदिर में नहीं जा सकती

नई दिल्ली। शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश और पूजा को लेकर चल रहे विवाद के बीच आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर का बयान आया है। उन्होंने रविवार को कहा कि कि शास्त्रों में यह कहीं नहीं लिखा गया है कि महिलाओं को मंदिर के अंदर नहीं जाना चाहिए।

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उनके मुताबिक, ऐसा होता तो सबसे बड़ा मंदिर भारत में है काशी विश्वनाथ, वहां सब महिलाएं जा सकती हैं। तो विश्वनाथ के नीचे ही तो बैठे हैं शनि महाराज तो वह कैसे नाराज हो जाएंगे?

उन्होंने कहा कि इसमें किसी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए, हर किसी को पूजा और प्रार्थना का बराबर का अधिकार है। सलाह दी गई है कि पवित्र वेदी पर पूजारी के अलावा और कोई भी ना चढ़े।

शनि शिंगणापुर पर फैसले का जिम्मा फड़नवीस को
महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं को पूजा की इजाजत देने के मामले में अब मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ही कोई फैसला करेंगे। जिला प्रशासन की पहल पर शनिवार को आयोजित बैठक में दोनों पक्ष इसके लिए राजी हो गए।

अहमदनगर के जिलाधिकारी अनिल कावड़े की अध्यक्षता में मंदिर प्रबंधन और भूमाता ब्रिगेड की प्रतिनिधियों के बीच एक घंटे तक बातचीत हुई। इस दौरान मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर कोई फैसला नहीं हो सका। हालांकि, सभी पक्ष इस बात पर सहमत हो गए कि अब यह मामला मुख्यमंत्री के सामने उठाया जाएगा और उनका फैसला सभी पक्षों को मान्य होगा।


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