Move to Jagran APP

नारियल के बिना नवरात्र की पूजा अधूरी मानी जाती है

इसे भारतीय परंपराओं में इतना ऊंचा स्थान दिया गया है? ऐसा इसलिए है क्योंकि इसे मात्र एक फल की जगह अध्यात्म की नजर से देखा जाता है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 30 Mar 2017 04:38 PM (IST)Updated: Fri, 31 Mar 2017 10:19 AM (IST)
नारियल के बिना नवरात्र की पूजा अधूरी मानी जाती है
नारियल के बिना नवरात्र की पूजा अधूरी मानी जाती है

 नारियल को भारतीय परंपरा में श्रीफल भी कहा जाता है। यह माना जाता है कि नारियल इतना पवित्र फल है कि उसे हम भगवान को अर्पित कर सकते हैं। वाकई कई मायनों में यह फल बहुत विशिष्ट भी है। मीठा और पानीदार नारियल चूंकि कड़े खोल के भीतर रहता है और हम उसे छू भी नहीं सकते हैं, इसलिए यह बहुत पवित्र माना जाता है।

loksabha election banner

नारियल के बिना नवरात्र की पूजा अधूरी मानी जाती है। पर सवाल यह उठता है कि आखिरकार इसमें ऐसा क्या है कि इसे भारतीय परंपराओं में इतना ऊंचा स्थान दिया गया है? ऐसा इसलिए है क्योंकि इसे मात्र एक फल की जगह अध्यात्म की नजर से देखा जाता है।

नारियल स्वास्थ्य के लिए तो महत्वपूर्ण है ही, लेकिन प्रतीक के तौर पर श्रीफल से कई संदेश और संकेत ग्रहण किए जाते हैं। एक प्रतीक के तौर पर नारियल का आकार मानव-मस्तिष्क की तरह का होता है। उसका कड़ा खोल मानव के अहं की तरह हुआ करता है। अपने रूखे-मजबूत अहम को तोड़कर ही हम जीवन का आनंद ले सकते हैं।

नारियल के खोल पर जो रेशों का जाल होता है, उसे मानवीय विकारों जैसे ईष्र्या, द्वेष, स्वार्थ और मोह के जाल के तौर पर ग्रहण किया जाता है, जिसे नारियल को फोडऩे से पहले निकाल दिया जाता है। इसे निकालकर ही निर्मल आत्मिक पवित्रता तक पहुंचा जा सकता है। यही मानव के जीवन का सत्य है, यही नारियल का भी!


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.