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राजजात में अब सरकार की असली परीक्षा

श्री नंदादेवी राजजात में सरकार की असली परीक्षा की घड़ी अब शुरू होगी। गैरोली पातल में हजारों लोगों के पहुंचने से सरकार के हाथ पांव फूले हुए हैं। इन सबके बीच मुख्यमंत्री ने अपील की है कि अब सारे भक्तजन केवल डोलियों को ही आगे जाने दें। वहीं, यात्रा के मद्देनजर पुलिस ने सितौल तक दस पुलिस पोस्ट

By Edited By: Published: Sun, 31 Aug 2014 03:09 PM (IST)Updated: Sun, 31 Aug 2014 03:17 PM (IST)
राजजात में अब सरकार की असली परीक्षा

देहरादून, राज्य ब्यूरो। श्री नंदादेवी राजजात में सरकार की असली परीक्षा की घड़ी अब शुरू होगी। गैरोली पातल में हजारों लोगों के पहुंचने से सरकार के हाथ पांव फूले हुए हैं। इन सबके बीच मुख्यमंत्री ने अपील की है कि अब सारे भक्तजन केवल डोलियों को ही आगे जाने दें। वहीं, यात्रा के मद्देनजर पुलिस ने सितौल तक दस पुलिस पोस्ट का गठन किया है। यहां तैनात सदस्य राहत व बचाव कार्यो पर निगरानी रखेंगे। पुलिस ने संचार व्यवस्था के लिए पांच सेटेलाइट फोन के साथ ही अपना वायरलैस नेटवर्क भी स्थापित किया हुआ है।

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श्री नंदा देवी राजजात में हजारों भक्त शिरकत कर रहे हैं। जैसे-जैसे यात्रा आगे बढ़ रही है, यात्रियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। शनिवार को गैरोली पातल में यात्रियों की संख्या सरकारी तैयारियों को चुनौती देती नजर आई। मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि राजजात को लेकर लगातार हुई बैठकों में यह स्पष्ट किया गया है कि बाण से आगे केवल पांच हजार यात्रियों को ही संभालने की क्षमता है। वेदनी के बाद केवल पांच हजार लोगों के लिए ही सुविधाएं जुटाई जा सकती हैं। ऐसे में वेदनी से आगे केवल स्वास्थ्य जांच में खरे उतरने वाले यात्रियों को ही यात्रा में शामिल किया जाएगा। श्रद्धालुओं को भी यहां से केवल देव डोलियों को ही आगे जाने देना चाहिए। वहीं, अब गैरोली पातल के हाल देख पुलिस की मुश्किलें बढ़ गई हैं। हालांकि पुलिस ने अपनी ओर से पूरी व्यवस्थाएं की हुई हैं। विभिन्न पड़ावों पर छह से दस सदस्यीय टीम को आपदा राहत एवं बचाव कार्यो के लिए तैनात किया गया है। हालांकि इनके अलावा एक कंपनी आइटीबीपी और एनआइएम के सदस्य भी यात्रा व्यवस्था बनाने में सहयोग कर रहे हैं। डीआइजी कानून व्यवस्था राम सिंह मीणा का कहना है कि सुरक्षा के लिए पुलिस कर्मियों को आधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है। इसके अलावा संचार व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए सेटेलाइट फोन व वायरलैस नेटवर्क बनाया गया है।

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