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प्रशासन के रवैये से उखड़ी निम टीम

श्री नंदा राजजात के दुर्गम पड़ावों तक पहुंचने के लिए पैदल रास्तों को चलने लायक बनाने में जुटी एनआइएम (निम) टीम (नेहरू पर्वतारोहण संस्थान) का मूड चमोली जिला प्रशासन के अफसरों ने उखाड़ दिया। इसके चलते निम ने यात्रा रूट के सभी कैंपों को समेटने जैसा बड़ा कदम उठाने फैसला कर लिया था, लेकिन

By Edited By: Published: Fri, 22 Aug 2014 11:32 AM (IST)Updated: Fri, 22 Aug 2014 11:46 AM (IST)
प्रशासन के रवैये से उखड़ी निम टीम

देहरादून, जागरण संवाददाता। श्री नंदा राजजात के दुर्गम पड़ावों तक पहुंचने के लिए पैदल रास्तों को चलने लायक बनाने में जुटी एनआइएम (निम) टीम (नेहरू पर्वतारोहण संस्थान) का मूड चमोली जिला प्रशासन के अफसरों ने उखाड़ दिया। इसके चलते निम ने यात्रा रूट के सभी कैंपों को समेटने जैसा बड़ा कदम उठाने फैसला कर लिया था, लेकिन इस बीच शासन के आला अधिकारियों के हस्तक्षेप पर मामला सुलटा लिया गया। मुख्य सचिव सुभाष कुमार और अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा के अनुसार टीम से अभद्रता करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों के खेद जताने के बाद निम काम करने के लिए तैयार हो गया। अलबत्ता, चमोली के डीएम शाम तक ऐसी किसी विवाद से खुद को अनजान बताते रहे।

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गौरतलब है कि केदारनाथ धाम में बुनियादी सुविधाओं के पुनर्निर्माण में जुटे एनआइएम को श्री नदंादेवी राजजात के लिये भी राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। निम टीम फिलहाल यात्रा मार्ग के दुर्गम पड़ावों तक के लिए पैदल ट्रैक निर्माण और कैंप साइट तैयार कर रही है। यात्रा के उच्च हिमालयी क्षेत्र में पहुंचने पर श्रद्धालुओं की हर संभव मदद करना भी उसके एजेंडे का हिस्सा है। इसके लिए उसने चमोली जिले के वाण गांव, वेदनी, चिड़ियानग व ज्यूंरागली में कैंप स्थापित किए हैं। वाण गांव में बेस कैंप है, यहीं से आगे के कैंपों को सूचनाओं का आदान प्रदान किया जा रहा है।

बुधवार को उस वक्त विवाद की स्थिति पैदा हो गई, जबकि व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंचे सीडीओ संजय कुमार व थराली एसडीएम विवेक प्रकाश वाण गांव पहुंचे और उन्होंने निम की टीम से अपना कैंप हटाने को कहा। बताया गया कि यहां निम को दो कमरे उपलब्ध कराए गए हैं, अधिकारियों ने इन्हें खाली कर कैंप की जगह का खुद इंतजाम करने का फरमान सुनाया तो टीम का मूड खराब हो गया। आरोप है कि कैंप की जिम्मेदारी संभाले हवलदार रणजीत सिंह ने अधिकारियों से इसका कारण पूछा तो वे अभद्रता करने लगे। इस पर निम टीम ने कैंप से अपना सामान समेट लिया और वापस लौटने लगे। कुछ ही दूरी पर वाण के ग्रामीणों ने उनके वाहन को रोक लिया और वापस न जाने की मान मनौव्वल करने लगे। टीम ने प्रशासन के रवैये पर ऐतराज जताते हुए यह कदम उठाने की बात कही।

इस बीच, टीम के सदस्यों ने संस्थान के अधिकारियों की अनुमति लेकर अपने अन्य कैंपों को भी सामान समेटने का निर्देश दे डाला। वाकये का पता चला तो प्रशासन की नींद उड़ गई। वीरवार सुबह शासन तक मामला पहुंच गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य सचिव सुभाष कुमार और अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा ने डीएम चमोली एसए मुरुगेशन से रिपोर्ट तलब की। शासन के हस्तक्षेप के बाद एसडीएम ने अपने व्यवहार पर खेद जताया, उसके बाद ही निम की टीम काम करने पर सहमत हुई। संपर्क करने पर मुख्य सचिव ने इसकी पुष्टि की।

उधर, निम के प्रधानाचार्य कर्नल अजय कोठियाल का कहना है कि राजजात में जो जिम्मेदारी मिली है, उसे हर हाल में पूरा करेंगे, लेकिन अधिकारियों का इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए। चमोली के डीएम एसए मुरुगेशन ने निम के साथ किसी तरह का विवाद होने से इन्कार किया, कहा निम टीम काम कर रही है। एसडीएम विवेक प्रकाश के अनुसार वाण गांव में जिन कमरों में निम टीम का सामान रखा था, वह प्रशासन ने किराये पर लिए हैं, निम टीम को ये कमरे खाली कर दूसरे कमरों में सामान ले जाने को कहा गया था।

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