यमुना किनारे मेरौ गाम सांवरे आय जइयो
उड़त गुलाल लाल भये बदरा मार भर-भर झोरी, राधे के संग कान्हा खेलें होरी। श्रीकृष्ण जन्मस्थान होली महोत्सव पर रविवार को होली के गीत-संगीत और नृत्य से झंकृत होता रहा। गुलाल के बादल उड़े, तो रावल की हुरियारिनों ने जमकर ल_ बरसाए। इस मौके का बाहर से आए हजारों श्रद्धालुओं
मथुरा। उड़त गुलाल लाल भये बदरा मार भर-भर झोरी, राधे के संग कान्हा खेलें होरी। श्रीकृष्ण जन्मस्थान होली महोत्सव पर रविवार को होली के गीत-संगीत और नृत्य से झंकृत होता रहा। गुलाल के बादल उड़े, तो रावल की हुरियारिनों ने जमकर ल_ बरसाए। इस मौके का बाहर से आए हजारों श्रद्धालुओं ने भी आनंद उठाया
यशभारती से सम्मानित प्रख्यात लोक नृत्यांगना गीताजंलि शर्मा के निर्देशन में कलाकारों ने 'लैके राधा जी किशोरी जी के नाम कि दर्शन कर लैओ जी..Ó की प्रस्तुति से होली गायन की शुरुआत की। डीग (राजस्थान) से बुलाए गए ग्रामीणों ने बंब (बड़े नगाड़े) बजाकर होरी गीत 'कौन गांव की राधा रे रसियाÓ पर प्रस्तुति दी। 'मेरौ खोय गयौ बाजूबंद रसिया होरी हमेंÓ पर भावपूर्ण नृत्य किया। चरकुला नृत्य भी प्रस्तुत किया गया। 'जरा इतना बता कान्हा तेरा रंग काला क्योंÓ और 'श्री गोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट बिराज रह्यौÓ पर दो कलाकारों ने थालियों में दीप जलाकर और उन्हें अपने हाथों पर रखकर बैलेंस का करतब दिखाए।
गीताजंलि शर्मा ने अपनी टीम के साथ 'मोर बन आयौ रसियाÓ पर मयूर नृत्य किया। श्रीराधा-कृष्ण के स्वरूपों और उनके ग्वाल-बालाओं ने 'फूलों में सज रहे हैं श्री वृंदावन बिहारीÓ पर फूलों से होली खेली। इससे पहले लीलामंच पर विराजमान श्रीराधा-कृष्ण के स्वरूपों की आरती उतारकर ब्रज होली महोत्सव का शुभारंभ काष्र्णि गुरु शरणानंद महाराज ने किया। इसके बाद जन्मस्थान के सचिव कपिल शर्मा, गोपेश्वर चतुर्वेदी, देवीदास, सुरेशचंद, किशोर भरतिया, नंदकिशोर बजाज आदि ने भी आरती उतारी।
मेरो खोए गयौ बाजू बंद-
श्याम होरी खेलने आयौ, हुरियारे को वेश बनायौ। फाग खेलन बरसाने आयौ है नटवर नंदकिशोर आदि भजनों के साथ एक बार फि र लाडली जी मंदिर अबीर गुलाल से अट गया। प्रसिद्ध लठामार होली के बाद भी बरसाना में होली की धूम मची हुई है। रविवार को लाडली जी मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का सैलाब उमडऩे लगा। पूरा मंदिर परिसर श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था। अबीर-गुलाल की वर्षा में सराबोर होकर श्रद्धालु होली की मस्ती में झूम रहे थे। बृषभान नंदनी भी अपने भक्तों पर कृपा बरसाने के लिए गर्भगृह से बाहर जगमोहन में श्यामसुंदर के साथ विराजमान होकर अबीर-गुलाल वर्षा रहीं थीं।
भजन गायक बालकृष्ण शास्त्री द्वारा गाए जा रहे होली के रसिया पर श्रद्धालु ठुमके लगाते नजर आए। इस मौके पर सेवायत रासबिहारी गोस्वामी, नत्थो गोस्वामी, मंगतू गोस्वामी, बंटी गोस्वामी आदि मौजूद थे।