मथुरा महोत्सव में आज से बिखरेंगे रंग
अक्षयपात्र में सजा ब्रज का प्राचीन स्वरूप आज साकार रूप में नजर आएगा। यहां कान्हा की गाय के साथ फूस की झोंपडिय़ां होगीं। कुंड-सरोवर पर टहलती सखियां और लताओं से घिरा भू-मंडल आगंतुकों को सम्मोहित कर लेगा। सिनेतारिका एवं सांसद हेमामालिनी की परिकल्पना 25 और 26 अप्रैल को मथुरा महोत्सव
वृंदावन। अक्षयपात्र में सजा ब्रज का प्राचीन स्वरूप आज साकार रूप में नजर आएगा। यहां कान्हा की गाय के साथ फूस की झोंपडिय़ां होगीं। कुंड-सरोवर पर टहलती सखियां और लताओं से घिरा भू-मंडल आगंतुकों को सम्मोहित कर लेगा। सिनेतारिका एवं सांसद हेमामालिनी की परिकल्पना 25 और 26 अप्रैल को मथुरा महोत्सव के रूप में नजर आएगी।
अक्षयपात्र परिसर में आयोजित मथुरा महोत्सव क्षेत्र का नजारा कुछ ऐसा ही मनमोहक नजर आ रहा है। करीब महीनेभर की कड़ी मेहनत के बाद कलाकारों ने जो आकार कार्यक्रम स्थल पर बने ब्रज के गांव को दिया है, वह प्राचीन वृंदावन और ब्रज की निकटता का अहसास कराएगा। गोबर लेपन कर बनाया रास्ता, कुंडों में कल-कल बहता पानी, मोर, गाय और अन्य पक्षी मानो अभी उड़ान भरने को तैयार हों। कलाकारों ने अपनी मेहनत से सांसद की ब्रज के सुंदरीकरण की परिकल्पना का साकार कर दिया हो। इस प्राचीन ब्रज के स्वरूप के इतर अत्याधुनिक लाइटों, साउंड सिस्टम और रंगबिरंगे पर्दे, कालीन की सजावट और आकर्षक मंच सज्जा पाश्चात्य संस्कृति की झलक पेश कर रही है।
कान्हा की नगरी प्रभु की लीलाओं के चमत्कारों से लबरेज है। कदम-कदम पर मंदिर, पौराणिक महत्व के वन-उपवन और कुंड, गीत-संगीत की लोक विधाओं की अनूठी दुनिया। आस्था के संसार में भले ही ब्रज सर्वप्रिय हो, मगर लोकप्रियता की दुनिया में वो मुकाम हासिल नहीं हो पाया। रंगमंच कलाकार की भूमिका में ब्रज संस्कृति को सांसद हेमामालिनी प्रचारित तो करती ही रही हैं, मगर शनिवार से होने जा रहा मथुरा महोत्सव पर्यटन को बढ़ावा देने विकास की दृष्टि से नए आयाम स्थापित करने वाला साबित होगा।
ब्रज संस्कृति के प्रचार-प्रसार के मकसद से मथुरा में वर्ष 2008 में प्रशासन और सामाजिक संगठनों के सहयोग से ब्रज रज उत्सव हुआ था। दो दिवसीय इस उत्सव में स्थानीय कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दी थीं, मगर इसके बाद ये आयोजन अपनी पहली सालगिरह भी नहीं मना पाया, न ही इसके लिए गंभीरता से कोई प्रयास ही हुए। करीब सात साल के लंबे अंतराल के बाद मथुरा महोत्सव के रूप में बेहतरी और विकास की संभावनाओं की उम्मीद का मंच सजा है। 1इस आयोजन में बॉलीवुड के नामचीन सितारे अपनी प्रस्तुति देंगे और वो भी विशुद्ध ब्रज संस्कृति में सराबोर होकर। केंद्रीय मंत्रियों की मौजूदगी होगी। देश और दुनिया से कुछ हस्तियां भी आ सकती हैं। इसके पीछे मकसद भी है। फिल्मी सितारों के जरिए जहां रंगमंच की दुनिया में ब्रज का नाम रोशन होगा, तो केंद्रीय मंत्री यहां की खासियत भांप सहूलियत का रास्ता बनाने में मदद करेंगे।
इतना ही नहीं, करीब 177 देशों में इस आयोजन का प्रसारण मथुरा के बारे में बहुत कुछ बताने में कामयाब होगा। मथुरा महोत्सव की परिकल्पना को साकार करने वाली सिनेतारिका एवं सांसद हेमामालिनी ने शुक्रवार को बताया कि महोत्सव से देश-विदेश के लोगों को यहां की संस्कृति एवं सभ्यता का भान होगा, जिससे पर्यटन के साथ होटल उद्योग को भी पंख लगेंगे। तभी बेरोजगारों को रोजगार के अवसर और विकास के लिए धन की कमी से मुक्ति मिल सकेगी।
उन्होंने कहा, महोत्सव में जुटने वाला धन बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से पीडि़त किसानों को बांटा जाएगा। धन कितना होगा, यह अभी कहना संभव नहीं है।मथुरा: कान्हा की नगरी प्रभु की लीलाओं के चमत्कारों से लबरेज है। कदम-कदम पर मंदिर, पौराणिक महत्व के वन-उपवन और कुंड, गीत-संगीत की लोक विधाओं की अनूठी दुनिया। आस्था के संसार में भले ही ब्रज सर्वप्रिय हो, मगर लोकप्रियता की दुनिया में वो मुकाम हासिल नहीं हो पाया। रंगमंच कलाकार की भूमिका में ब्रज संस्कृति को सांसद हेमामालिनी प्रचारित तो करती ही रही हैं, मगर शनिवार से होने जा रहा मथुरा महोत्सव पर्यटन को बढ़ावा देने विकास की दृष्टि से नए आयाम स्थापित करने वाला साबित होगा।
ब्रज संस्कृति के प्रचार-प्रसार के मकसद से मथुरा में वर्ष 2008 में प्रशासन और सामाजिक संगठनों के सहयोग से ब्रज रज उत्सव हुआ था। दो दिवसीय इस उत्सव में स्थानीय कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दी थीं, मगर इसके बाद ये आयोजन अपनी पहली सालगिरह भी नहीं मना पाया, न ही इसके लिए गंभीरता से कोई प्रयास ही हुए। करीब सात साल के लंबे अंतराल के बाद मथुरा महोत्सव के रूप में बेहतरी और विकास की संभावनाओं की उम्मीद का मंच सजा है।
इस आयोजन में बॉलीवुड के नामचीन सितारे अपनी प्रस्तुति देंगे और वो भी विशुद्ध ब्रज संस्कृति में सराबोर होकर। केंद्रीय मंत्रियों की मौजूदगी होगी। देश और दुनिया से कुछ हस्तियां भी आ सकती हैं। इसके पीछे मकसद भी है। फिल्मी सितारों के जरिए जहां रंगमंच की दुनिया में ब्रज का नाम रोशन होगा, तो केंद्रीय मंत्री यहां की खासियत भांप सहूलियत का रास्ता बनाने में मदद करेंगे।
इतना ही नहीं, करीब 177 देशों में इस आयोजन का प्रसारण मथुरा के बारे में बहुत कुछ बताने में कामयाब होगा। मथुरा महोत्सव की परिकल्पना को साकार करने वाली सिनेतारिका एवं सांसद हेमामालिनी ने शुक्रवार को बताया कि महोत्सव से देश-विदेश के लोगों को यहां की संस्कृति एवं सभ्यता का भान होगा, जिससे पर्यटन के साथ होटल उद्योग को भी पंख लगेंगे। तभी बेरोजगारों को रोजगार के अवसर और विकास के लिए धन की कमी से मुक्ति मिल सकेगी।
उन्होंने कहा, महोत्सव में जुटने वाला धन बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से पीडि़त किसानों को बांटा जाएगा। धन कितना होगा, यह अभी कहना संभव नहीं है।
प्रशासन के लिए आज चुनौती बनेगा वृंदावन- प्रशासन और पुलिस के लिए शनिवार को वृंदावन में व्यवस्था सुचारु रखना एक चुनौती होगा। शनिवार को राज्यपाल राम नाईक वृंदावन में करीब तीन घंटे रहेंगे। मथुरा महोत्सव में प्रस्तुति देने के लिए फिल्मी सितारे नोएडा से उस समय एक्सप्रेस वे से वृंदावन होकर अक्षयपात्र संस्था परिसर पहुंचेंगे जब एनसीआर के श्रद्धालुओं की गाडिय़ों की कतारें आ रही होंगी। इतना ही नहीं, मथुरा महोत्सव आयोजन स्थल पर भी वाहनों का जमावड़ा कहीं छटीकरा-वृंदावन रोड को ठप ही न कर दे। हनुमान प्रसाद धानुका विद्यालय के नवीन भवन का लोकार्पण करने को प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक सुबह दस बजे इस्कॉन मंदिर के निकट स्थित विद्यालय परिसर पहुंचेंगे। इसके बाद राज्यपाल दोपहर 12 बजे कन्हाई आर्ट गैलरी जाएंगे। वे संभवत: सेवाकुंज भी जाएंगे। जाहिर है कि उनके आगमन के दौरान संबंधित इलाकों की सड़कें सूनी रखी जाएंगी। राजभवन से आए कार्यक्रम के तहत राज्यपाल राम नाईक दोपहर बाद 12.50 बजे हेलीकॉप्टर से लखनऊ के लिए उड़ान भरेंगे। इसके बाद मथुरा महोत्सव के लिए फिल्मी सितारों और केंद्रीय मंत्रियों के आने का सिलसिला शुरु हो जाएगा। ऊर्जामंत्री पीयूष गोयल, ग्राम्य विकास मंत्री वीरेंद्र सिंह यहां पहुंचेंगे। शनिवार का दिन होने के कारण शहर में दिल्ली एनसीआर और आसपास के जनपदों से हजारों श्रद्धालु निजी वाहनों से ठा. बांकेबिहारी के दर्शन को हर हफ्ते आते हैं, जो छटीकरा मार्ग और यमुना एक्सप्रेस-वे से बांकेबिहारी मंदिर के निकट वीआइपी पार्किंग तक जाते हैं। लेकिन वीवीआइपी आगमन के दौरान शहर की सड़कों पर यातायात रोका जाना लाजिमी है। जिससे शहर के दूसरे इलाकों में जाम के हालात बनेंगे और तपती दोपहर में पूरा शहर जाम से जूझता नजर आएगा।
ये मंत्री भी आएंगे-पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी भी मथुरा महोत्सव में आएंगे। वे कन्हाई आर्ट गैलरी भी जाएंगे। केंद्रीय मंत्री रामशंकर कठेरिया धानुका विद्यालय में कार्यक्रम में सुबह 10 बजे पहुंचेंगे। पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस पर एक बजे बैठक करने के बाद वे आगरा चले जाएंगे। उप्र के पर्यटन मंत्री ओमप्रकाश दिल्ली से चल कर सवा छह बजे वृंदावन में निधिवन गेस्ट हाउस पर पहुंचेंगे। साढ़े छह बजे विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद वे शाम सात बजे ब्रज महोत्सव के उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे।