माता वैष्णो देवी यात्रा ने छुए नए आयाम
विश्व प्रसिद्ध श्री माता वैष्णो देवी के प्रति भक्तों की आस्था व यात्रा ने तीन दशकों ने नए आयाम छुए। तीन दशक पहले की करीब चौदह लाख सालाना यात्रा अब एक करोड़ का आंकड़ा पार कर गई है। ऐसे में यात्रा को नई पहचान दिलाने वाला श्री माता वैष्णो देवी
जम्मू। विश्व प्रसिद्ध श्री माता वैष्णो देवी के प्रति भक्तों की आस्था व यात्रा ने तीन दशकों ने नए आयाम छुए। तीन दशक पहले की करीब चौदह लाख सालाना यात्रा अब एक करोड़ का आंकड़ा पार कर गई है। ऐसे में यात्रा को नई पहचान दिलाने वाला श्री माता वैष्णो देवी स्थापना बोर्ड अब भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयारियां कर रहा है।
वर्ष 1986 में यात्रा के बेहतर प्रबंधन के लिए श्री माता वैष्णो देवी स्थापना बोर्ड बनने के साथ ही यात्रा का कायाकल्प शुरू हो गया था। वर्ष 1986 में यहां राज्य में 13.86 लाख यात्री आते थे तो वहीं वर्ष 2012 में यात्रा का आंकड़ा 1 करोड़ 5 लाख के करीब पहुंच गया। अब मां के दर्शनों के लिए आने वाले यात्रियों के लिए बैटरी कार से लेकर हेलीकॉप्टर सेवा तक सब उपलब्ध है। बोर्ड के चेयरमैन राज्यपाल एनएन वोहरा ने भी इस यात्रा को नई उंचाई तक पहुंचाने में सराहनीय भूमिका निभाई है।
स्थापना बोर्ड बनने से पहले धार्मिक स्थल का चढ़ावा बारीदारों में बंट जाता था। बोर्ड बनने के बाद चढ़ावे व विकास दोनों में तेजी आई व आज पवित्र गुफा में हर साल सौ करोड़ से अधिक चढ़ावे ने यात्रा के विकास को पंख लगा दिए। गत वर्ष जुलाई माह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सीधे कटड़ा तक रेलगाड़ी शुरू कर श्रद्धालुओं को एक बड़ा तोहफा दिया।इसी बीच यात्रा में वृद्धि से राज्य की अर्थ व्यवस्था को भी बहुत फायदा हुआ है। इस समय यात्रा के कारण राज्य की अर्थ व्यवस्था को करीब साढ़े पांच सौ करोड़ रुपये सालाना का फायदा होता है। इससे कटरा कस्बे में तेजी से विकास हुआ। इस समय कटड़ा में पांच सौ के करीब होटलों व लाजिस में हर रोज तीस हजार के करीब लोगों को ठहराने की व्यवस्था है।
यात्रा में भारी वृद्धि को देखते हुए बोर्ड ने माता के दरबार से लेकर कटड़ा तक बुनियादी ढांचे में बहुत विकास किया है। यह सिलसिला लगातार जारी है, यात्रा को सरल व सुरक्षित बनाना बोर्ड की पहली प्राथमिकता है। तीस वर्षो में यात्रा में तेजी से बदलाव आया व यह सिलसिला लगातार जारी है। हम यात्रा को बेहतर बनाने की मुहिम चला रहे हैं। यह कहना है बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजीत कुमार साहू का। उन्होंने बताया कि सुविधाएं उपलब्ध करवाने के साथ पर्यावरण संतुलन की तरफ भी पूरा ध्यान दिया जा रहा है। हर साल करीब दो करोड़ रुपये यात्र मार्ग व अन्य जगहों पर पौधे रौपने पर खर्च किए जा रहे हैं। इस समय रोपवे प्रोजेक्ट बनाने पर भी कार्य जारी है। उन्होंने बताया कि यात्र की बेहतरी के लिए कदम उठाने के साथ अपने सामाजिक दायित्व का निर्वाह करते हुए बोर्ड शिक्षा व चिकित्सा सेवा की बेहतरी के लिए भी लगातार कार्य कर रहा है।
श्री माता वैष्णो देवी स्थापना बोर्ड का तीसवां स्थापना दिवस रविवार को धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर भवन, अर्धकुंवारी, कटड़ा, जम्मू के वैष्णवी धाम सहित कई अन्य स्थानों पर भी हवन, यज्ञ का आयोजन किया गया। मुख्य कार्यक्रम का आयोजन कटड़ा में हुआ। हवन में बोर्ड के स्टाफ के सदस्यों के साथ कई श्रद्धालुओं ने भी हिस्सा लिया। हवन के समापन पर प्रसाद का वितरण किया गया।
इस बीच, राज्यपाल व बोर्ड के चेयरमैन एनएन वोहरा ने स्थापना दिवस पर स्टाफ के सदस्यों को बधाई दी। जारी संदेश में राज्यपाल ने जोर दिया कि बोर्ड के सदस्य श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के पूरे प्रयास करें। उन्होंने कहा कि यात्र की बेहतरी के लिए कोशिश की जाए कि विकास के जारी प्रोजेक्ट तय समय सीमा में पूरे हों।
इस बीच, कटड़ा में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजीत कुमार साहू के साथ बोर्ड के अधिकारियों व कर्मचारियों ने हवन, यज्ञ में हिस्सा लिया। इस मौके पर राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान के वाइस चांसलर प्रो. पीएन शास्त्री के साथ प्रो वाईके मिश्र ने भी हिस्सा लिया।
साहू ने कहा कि बोर्ड ने अच्छे तरीके से यात्रा का संचालन किया है। चेयरमैन के निर्देश पर बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए विकास के कई प्रोजेक्ट शामिल हैं। बोर्ड ने सामाजिक दायित्व की पूर्ति करते हुए श्री माता वैष्णो देवी यूनिवर्सिटी बनाया है। इसके साथ श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस बनाने का कार्य भी जारी है। इसे अगले साल शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।