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आयो फागुन मास, कहे सब होरी होरा

आयो फागुन मास, कहे सब होरी होरा। एक ओर वृषभान नंदिनी, एक ओर हरि-हलधर जोरा। ब्रजनारी गारी देवें को, भजि-भजि आवे, ताजि-ताजि कोरा। जान न दे हो पकरो री श्याम को।Ó ब्रज में होलिका दहन के दौरान होलिका मइया व गोदी में बैठे प्रहलाद की मूर्ति रखने की परंपरा है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 05 Mar 2015 12:10 PM (IST)Updated: Thu, 05 Mar 2015 12:13 PM (IST)
आयो फागुन मास, कहे सब होरी होरा

मथुरा। 'आयो फागुन मास, कहे सब होरी होरा। एक ओर वृषभान नंदिनी, एक ओर हरि-हलधर जोरा। ब्रजनारी गारी देवें को, भजि-भजि आवे, ताजि-ताजि कोरा। जान न दे हो पकरो री श्याम को।Ó ब्रज में होलिका दहन के दौरान होलिका मइया व गोदी में बैठे प्रहलाद की मूर्ति रखने की परंपरा है।

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दहन से पूर्व होलिका की मूर्ति का सोलह श्रंगार कर पूजा की जाती है। उसके बाद होलिका दहन होता है।

सर्वार्थ सिद्ध योग में होलिका दहन - होलिका दहन प्रदोष बेला और सर्वार्थ सिद्ध योग में होगा। इस बार गुरु और शुक्र भी उच्च राशि में होंगे। ज्योतिर्विद शालिनी द्विवेदी के अनुसार होलिका दहन पांच मार्च को सर्वार्थ सिद्ध योग में होगा। प्रदोष बेला सायं 6.18 बजे से लेकर रात 8.42 बजे तक रहेगी। होलिका दहन रात 11.35 बजे तक शुभ रहेगा।

चतुर्वेदी समाज का डोला आज-श्री माथुर-चतुर्वेद परिषद द्वारा गुरुवार को ब्रजमंडल का प्रसिद्ध होली डोला (शोभा यात्रा) दोपहर दो बजे से विश्रामघाट से निकलेगा। परिषद के मुख्य संरक्षक महेश पाठक और पदाधिकारी राकेश तिवारी एड. के अनुसार डोले में विभिन्न झांकियां होंगी। समाज गायन व होली की चौपाई होंगी। गुलाल भी बनारस से मंगाया गया है। तैयारी बैठक की अध्यक्षता प्रभारी अध्यक्ष एवं संरक्षक गिरधारीलाल पाठक ने की। इस दौरान संरक्षक गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी,

फेसबुक पर न मनानी पड़े होली- मौसम ने यदि अगले दो दिन में होली खेली तो समझ होली के हुरियारे शायद ही रंगों से इश्क फरमा पाएं। तब या तो फेसबुक और व्हाट्सएप पर होली खेलेंगे या भारत-वेस्टइंडीज का मैच देख रहे होंगे। मौसम विभाग की माने तो अगले तीन दिन में न केवल न्यूनतम पारा नीचे जा सकता है, बल्कि बादल बने रहेंगे और हल्की बारिश भी हो सकती है।

होरी कैसे खेलूं री या सांवरिया के संग -

ब्रज में होली की मस्ती चरम पर है। ढोल और मृदंगों के साथ होली गीतों पर लोग झूम रहे हैं। चांदी के सिंहासन पर विराजमान ठा. बांकेबिहारी के आंगन अबीर गुलाल की बौछार हो रही है। श्रीराधाबल्लभ मंदिर परिसर सतरंगी नजर आ रहा है। बुधवार को ठा. बांकेबिहारी मंदिर में सेवायतों ने श्रद्धालुओं पर जमकर रंगों की बरसात की। श्रीराधाबल्लभ मंदिर में भी जमकर होली हुई। दोनों मंदिरों में ठाकुरजी के साथ भक्तों ने होली खेली।जागरण संवाददाता, मथुरा (वृंदावन): ब्रज में होली की मस्ती चरम पर है। ढोल और मृदंगों के साथ होली गीतों पर लोग झूम रहे हैं। चांदी के सिंहासन पर विराजमान ठा. बांकेबिहारी के आंगन अबीर गुलाल की बौछार हो रही है। श्रीराधाबल्लभ मंदिर परिसर सतरंगी नजर आ रहा है। बुधवार को ठा. बांकेबिहारी मंदिर में सेवायतों ने श्रद्धालुओं पर जमकर रंगों की बरसात की। श्रीराधाबल्लभ मंदिर में भी जमकर होली हुई। दोनों मंदिरों में ठाकुरजी के साथ भक्तों ने होली खेली।


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