यदि इन तीन कुंडली में मांगलिक दोष आए तभी मांगलिक दोष मानना चाहिए
वैसे, भारतीय ज्योतिष के अनुसार यदि मंगल के साथ राहु, केतु या शनि बैठे हों या जातक की उम्र 28 से अधिक हो तो मंगल दोष खत्म हो जाता है।
यदि आप की कुंडली में मंगल दोष है तो घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं। ज्योतिर्विदों के अनुसार यदि किसी लड़के की जन्म कुंडली में मंगल दोष है तो उसका विवाह मांगलिक लड़की से ही की जाती है। ऐसा ही लड़की की कुंडली में मंगल दोष होने पर होता है।
वैसे, जातक अथवा जातिका की कुण्डली में मंगल बारहवें, लग्न, द्वितीय, चतुर्थ अथवा स्वयं सप्तम अथवा अष्टम भाव में मौजूद हो तो ऐसे में उस कुण्डली में मंगली दोष उपस्थित होता है।
अमूमन कुछ ज्योतिर्विद लग्न कुंडली से देखते हैं तो कुछ चंद्र कुंडली से। देश में चलने वाले ज्योतिष स्कूलों ने कुछ समय पहले यह निष्कर्ष निकाला था कि मांगलिक का निर्धारण करने के लिए शुक्र कुंडली जरूरी है। शुक्र विवाह से भी संबंधित होता है। यदि मांगलिक दोष का पता करना हो तो लग्न, चंद्र और शुक्र कुंडली से जातक या जातिका की कुंडली मिलना चाहिए।
यदि इन तीन कुंडली में से किन्हीं दो में कुंडली में मांगलिक दोष आए तभी मांगलिक दोष मानना चाहिए। वैसे, भारतीय ज्योतिष के अनुसार यदि मंगल के साथ राहु, केतु या शनि बैठे हों या जातक की उम्र 28 से अधिक हो तो मंगल दोष खत्म हो जाता है।