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महामंडलेश्वर विवेकगिरी जूना अखाड़े से निष्कासित

श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी विवेकगिरी को अखाड़े की सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 02 May 2016 11:25 AM (IST)Updated: Mon, 02 May 2016 12:04 PM (IST)
महामंडलेश्वर विवेकगिरी जूना अखाड़े से निष्कासित

उज्जैन। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी विवेकगिरी को अखाड़े की सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया है। उन पर साधु-संतों से अभद्रता के आरोप लगे थे। कार्रवाई के बाद अब वे महामंडलेश्वर भी नहीं रहे हैं।

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दरअसल विवेकगिरी पर कार्रवाई के लिए रविवार को अखाड़े की महासभा की बैठक रखी गई थी, जिसमें महंत प्रेमगिरी महाराज ने बताया स्वामी विवेकगिरी उनके शिष्य हैं। अखाड़े के प्राचीन मठ (गसौता महादेव मंदिर, हमीरपुर हिमाचल प्रदेश ) के गादिपति श्रीमहंत बलदेव गिरी के निधन के बाद अक्टूबर-2005 में विवेकगिरी को प्रबंधक नियुक्त किया था। तब से ही वहां के साधु-संतों व गणमान्यजनों की शिकायतें मिल रही थीं कि महामंडलेश्वर का आचरण ठीक नहीं है।

अखाड़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत सोहनगिरीजी महाराज ने भी समझाइश दी मगर आचरण में सुधार नहीं आया। इसी के मद्देनजर उन्हें महादेव मंदिर मठ के महंत पद से हटाकर श्रीमहंत राघवानंदगिरी को महंत बनाया था। तभी से उनके द्वारा अखाड़े के कुछ पदाधिकारियों व साधु-संतों से अभद्रता की शिकायतें मिल रही थीं।

अखाड़ा परंपरा का उल्लंघन करने पर महासभा की बैठक में अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमहंत प्रेमगिरी महाराज ने विवेकगिरी को निष्कासित करने का प्रस्ताव रखा, जिसका समर्थन राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत उमाशंकर भारतीय ने भी किया। महामंत्री अभयपुरी महाराज के अनुमोदन उपरांत समस्त पदाधिकारियों ने सर्वानुमति से विवेकगिरी को निष्कासित कर महामंडलेश्वर पद से हटाने का फैसला लिया।

उन्होंने कहा कि अब जूना अखाड़े से विवेकगिरी का कोई संबंध नहीं है। यदि कोई साधु-संत किसी भी तरह का व्यवहार विवेकगिरी से रखते हैं तो उनके खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। बैठक में महासभा के संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरी महाराज, श्रीमहंत विद्यानंद सरस्वती, श्रीमहंत हरिपुरी, सुंदरपुरी, सोम भारतीजी, श्रीमहंत इंद्रानंद सरस्वती, शिवानंद सरस्वती, महंत आनंदगिरी, लक्ष्मणगिरी, बलराजगिरी, कारोबारी रविपुरी महाराज, महंत रवि भारती सहित 52 पदाधिकारी मौजूद थे।


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