अब इंटरनेट पर देखिए सुबह-ए-बनारस
सुर राग से निखरी सुबह ए बनारस को अब इंटरनेट पर भी देखा जा सकेगा। एक क्लिक पर अस्सी घाट सामने होगा जहां ख्यात कलाकार सुरों से सुबह की अगवानी करते दिखेंगे। गंगा आरती, वेद मंत्र, मंगलाचरण तो होंगे ही नित्य योग साधना व अध्यात्म भी मन में श्रद्धा का
वाराणसी। सुर राग से निखरी सुबह ए बनारस को अब इंटरनेट पर भी देखा जा सकेगा। एक क्लिक पर अस्सी घाट सामने होगा जहां ख्यात कलाकार सुरों से सुबह की अगवानी करते दिखेंगे। गंगा आरती, वेद मंत्र, मंगलाचरण तो होंगे ही नित्य योग साधना व अध्यात्म भी मन में श्रद्धा का वास कराएगा। बनारस के उत्सवों में जुड़े इस अनूठे आयोजन को देख काशीवासियों का सिर गर्व से ऊंचा हो जाएगा।
सात वार नौ त्योहार के लिए प्रसिद्ध काशी में पर्यटक अब तक रामनगर की रामलीला, भरत मिलाप, नक्कटैया और धार्मिक स्थलों की सैर को आते रहे हैं। इसमें दशाश्वमेध घाट पर शाम को गंगा आरती के दृश्य उसे रिझाते रहे हैं। प्रयास यह कि इंटरनेट पर सुबह ए बनारस से जुड़े दिव्य आयोजन को देखने के लिए देश ही नहीं विदेश तक से पर्यटक आएं और एक और सांस्कृतिक अनुष्ठान लोगों के दिल पर छा जाए। जिला सांस्कृतिक समिति द्वारा सोमवार से शुरू किए गए इस नियमित प्रयास की रोज की झांकी पर्यटन विभाग अपनी वेबसाइट पर लोड करेगा।
पारंपरिक परिधान में गंगा आरती- अस्सी घाट पर सुबह ए बनारस की अगवानी से पहले गंगा की दिव्य आरती भी पारंपरिक परिधान में होगी। इसे पर्यटन विभाग उपलब्ध कराएगा। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी रवींद्र मिश्र ने बताया कि गंगा आरती के लिए परिधान व अन्य जरूरी सामानों की खरीद के लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।
बढ़ाएंगे उत्सव की रौनक-सुबह ए बनारस से जुड़े उत्सव की रौनक काशीवासी ही आगे बढ़ाएंगे। इस नए प्रयास को संवारने के लिए डीएम प्रांजल यादव ने स्वयंसेवी संस्थाओं से आह्वान किया है। बुधवार को समाजसेवी संस्थाओं, टूर आपरेटरों व होटल एसोसिएशन व बैंक अधिकारियों के साथ उन्होंने बैठक की। कहा दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती देखने दुनिया भर से हजारों लोग खिंचे चले आते हैं। सुबह ए बनारस को सुर राग व अध्यात्म से जोड़कर इसी तरह का प्रयास अस्सी घाट पर शुरू किया गया है। इसके प्रचार-प्रसार और विस्तार की जिम्मेदारी सभी की होगी।