कुंजों में होगी ब्रज, वन-वैभव की महक
कुंजों में ब्रज वन-वैभव की महक होगी। ब्रज संस्कृति के युग-युगों के साक्षी पेड़-पौधों की शीतलता में गिरिराजजी की भक्ति भाव का आनंद गोवर्धन के सांस्कृतिक कुंजों में कुछ अलहदा ही होगा। यहां के वन-उपवनों की दुर्लभ प्रजातियों की खोज वन विभाग ने प्रारंभ कर दी है। भक्ति धारा के
मथुरा। कुंजों में ब्रज वन-वैभव की महक होगी। ब्रज संस्कृति के युग-युगों के साक्षी पेड़-पौधों की शीतलता में गिरिराजजी की भक्ति भाव का आनंद गोवर्धन के सांस्कृतिक कुंजों में कुछ अलहदा ही होगा। यहां के वन-उपवनों की दुर्लभ प्रजातियों की खोज वन विभाग ने प्रारंभ कर दी है। भक्ति धारा के कवि सूरदास के काव्य की 'मधुवन तुम कत रहत हरे, श्याम सुंदर के वियोग में ठाड़े क्यों न जरेÓ की पंक्ति में कान्हा के ब्रज छोडऩे पर विरह की आग का वर्णन है।
ब्रज संस्कृति के अंग रहे कदंब, तमाल, आमलक, निन्यग्रोध, अश्वत्थ, वट, छोंकर, पारस पीपर, गूलर, रेमजा, हींस, पारिजात, इंद्रजो, धौ, पीलू, लिसौड़ा का यहां के वन-उपवनों में अपना नैसर्गिक सौंदर्य बढ़ा रहे थे। आमलक, पारस पीपर, छोंकर, तमाल और वट वृक्षों की विभन्न अवसरों पर पूजा-अर्चना आज भी की जा रही है। अक्षय वट, वंशीवट, विशाल वट और श्याम वट भी यहां हैं। छोंकर के वृक्ष का बल्लभ संप्रदाय में विशेष महत्व है। जलवायु परिवर्तन के साथ ही पारस पीपर, अश्वत्थ, पारिजात, धौ, पीलू, रेमजा, हींस, करील ब्रज में दुर्लभ होते चले जा रहे हैं। डीएफओ एनके जानू ने बताया कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव गोवर्धन में ब्रज संस्कृति से जुड़े पेड़-पौधों के कुंज विकसित करा रहे हैं और इस योजना का नाम भी सांस्कृतिक कुंज रखा है। गोवर्धन में ब्रज के लिए दुर्लभ हो चुके पारिजात के पौधे रोपने का काम शुरू भी हो गया है।
वन चेतना केंद्र के पास ब्रज के अहिल्यागंज को 400 एकड़ के वन्य क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाए। गोकुल, नंदगांव, बरसाना, गोवर्धन के साथ ही अन्य स्थानों पर टूरिस्ट इंटरप्रिटेशन सेंटर बनाए जाए। इन सेंटरों पर ब्रज के सभी ऐतिहासिक स्थलों का महत्व वीडियो के माध्यम से दिखाया जाए। वृंदावन में ब्रज हाट में इस तरह काम हो कि पर्यटक को ब्रज के कंठीमाला, पोशाक और अन्य वस्तुओं को बनाने का कार्य दिखाने के साथ उसे बेचने का पूरा इंतजाम किया हो। विश्रम घाट को आकर्षक स्वरूप में सजाने पर भी विचार हुआ।
ब्रज वही जो सबके मन को लुभाए। इसके लिए सरकार बड़े कदम बढ़ा रही है। वृंदावन स्थिति बिहारी जी मंदिर के आसपास तो विशेष परिवर्तन पर विचार हो रहा है। सरकार का हेरिटेज वॉक बनाने का प्रस्ताव है। गलियों में एकरूपता लाई जाएगी। विशेष लाइटिंग की योजना के अलावा सड़कें चमचमाती दिखेंगी।
विश्व बैंक ने प्रो पूअर प्रोजेक्ट के तहत 441 करोड़ से 12 योजनाओं को मंजूरी दी थी। इसके लिए एमवीडीए कार्यालय में मंगलवार को प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट का उद्घाटन किया गया। पर्यटन सचिव ने यहां की योजनाओं पर मंथन करते हुए कहा कि वृंदावन में आने वाले वाहनों की भीड़ को कम किया जाना चाहिए, जो हेरिटेज वॉक से ही संभव है।
जन्म भूमि में भी होगा लाइट एंड साउंड शो1गोवर्धन में कुसुम सरोवर में लाइट एंड साउंड शो को लेकर विप्रा लंबे समय से प्रयास कर रहा है। अब इसी में श्री कृष्ण जन्मभूमि का नाम भी जुड़ गया है। कृष्ण जन्मभूमि परिसर में भी लाइट एंड साउंड शो को लेकर प्रो पूअर प्रोजेक्ट के तहत प्रयास करने का भरोसा पर्यटन सचिव ने दिया। विप्रा उपाध्यक्ष नागेंद्र प्रताप ने कहा कि कुंडों के जीर्णोद्धार को लेकर एक योजना बने।
बैठक में सीडीओ आंद्रा वामसी, ब्रज फाउंडेशन के अध्यक्ष विनीत नारायन, फ्रेंड्स ऑफ वृंदावन ग्रुप के जगन्नाथ पोद्दार, विप्रा सचिव एसबी सिंह, विप्रा के चीफ इंजीनियर आरके शुक्ला, विश्व बैंक के प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाने को आए मनीष, शमीहा शेख और शाहीना खान, विप्रा के सहायक अभियंता अमित कादयान और संजीव गुप्ता, नगर पालिका मथुरा के ईओ केपी सिंह, राजकीय संग्रहालय के सहायक निदेशक एसपी सिंह, जिला पर्यटन अधिकारी अनुपम श्रीवास्तव उपस्थित रहे।